Mathura: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ी सुनवाई, जानें पूरा विवाद

Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में अहम दिन है। मथुरा कोर्ट इस मामले में दायर 9 मुकदमों और 15 अर्जियों पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई करेगा।
Mathura रायपुर। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित श्री कृष्ण भूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि के स्वामित्व को लेकर हिंदू पक्षकारों की ओर से दाखिल सभी 18 सिविल वादों को पोषणीय यानी सुनवाई योग्य मानते हुए मस्जिद पक्ष की अर्जिया और दलीलें खारिज कर दी।
मथुरा में लंबे समय से चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में आज का दिन अहम है। इस मामले में दाखिल 9 वादों और 15 प्रार्थना पत्रों पर मथुरा की अदालत शुक्रवार को एक साथ सुनवाई करेगी। जिसके चलते अदालत में गहमागहमी का माहौल बना रहेगा। श्रीकृष्ण विराजमान और ठाकुर केशवदेव के भक्त बनकर अदालत में याचिका दाखिल करने वाले वादीगण सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक साथ सामने होंगे। इन सभी वादों की तरफ से एक ही मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाया जाए। मस्जिदों को हटाया जाए।
अब निर्णय बाद अब हाईकोर्ट में 12 अगस्त से सभी मुकदमाें पर एक साथ गुण-दोष के आधार पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट से झटके के बाद ईदगाह कमेटी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।मुस्लिम पक्ष से सभी सिविल वादों की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मंयक जैन की अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद 6 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद हटाकर जमीन पर कब्जा देने और मंदिर के पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर सिविल वाद दायर किए गए हैं। दावा है कि औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कृष्ण जन्म भूमि पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया। लिहाजा उस विवादित स्थल को हिंदुओं को सौंपा जाए। हिन्दुओं को पूजा का अधिकार है।