इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए सत्र का अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करेगा क्योंकि वह इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए आखिरी चुनाव नवंबर-दिसंबर 2019 में हुए थे।
मानसून सत्र के अनंतिम कार्यक्रम के अनुसार, 26 जुलाई को पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। 27 और 28 जुलाई को अवकाश है। जबकि 29 जुलाई को प्रश्नकाल के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। 30 जुलाई को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और उसे पारित कराया जाएगा। 31 जुलाई और 1 अगस्त को कई राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे। सत्र के आखिरी दिन भी कुछ राजकीय विधेयक के अलावा गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी।
सत्र के दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था और घुसपैठ जैसे विभिन्न मुद्दों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। झारखंड विधानसभा का यह आखिरी सत्र होगा।