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सड़क पर सो रहे बेजुबान कुत्ते का सिर कुचला, CCTV फुटेज के आधार पर पकड़ा गया आरोपी

Raipur Crime News :

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देश में जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए वर्ष 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। इस अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत वर्ष 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया।

Raipur Crime News : सड़क पर सो रहे बेजुबान कुत्ते की सिर पर भारी पत्थर मारकर हत्या करने वाले तुकाराम निषाद को पुलिस ने पकड़ लिया है।

सोते हुए मासूम कुत्ते पर पत्थर से किया था हमला

दरअसल उरला स्थित शिशु मानस भवन के पास चौक पर एक बेजुबान कुत्ता सड़क पर सो रहा था। जिस पर तुकाराम निषाद उर्फ छोटू नामक व्यक्ति ने बड़ा पत्थर लेकर स्ट्रीट डॉग का सिर कुचल डाला। जिसके बाद फरार हो गया था। इस पर पशु प्रेमी खगेश कश्यप,स्निग्धाचक्रवर्ती, मुकेश ने जांच की मांग की थी। एफआईआर दर्ज कराया था। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पुलिस ने आरोपी की पतासाजी कर गिरफ्तार किया।

आरोप सिध्द होने पर दोषी को 5 साल की सजा और जुर्माना

बताया जा रहा है कि आरोप प्रमाणित होने की दशा में आरोपी को सजा जुर्माना दोनो हो सकता है। किसी भी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करना अपराध की श्रेणी में आता है। दोषी पाए जाने पर 5 वर्ष की सजा या जुर्माना हो सकता है। या दोनों प्रकार की सजा हो सकती है। पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11(1) (एल) के मुताबिक उक्त प्रावधान है।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 में लाया गया था

देश में जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए वर्ष 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही, इस अधिनियम की धारा 4 के तहत, वर्ष 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य जानवरों को अनावश्यक दंड या दुर्व्यवहार को रोकना है। इस एक्ट में मामले से जुड़े कई तरह के प्रावधान शामिल हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता या उसे भूखा-प्यासा रखता है, तो ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का दोषी होगा।

(लेखक डा. विजय)

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