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Sandeshkhali Violence Row: संदेशखाली मामले में सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार समिति पर लगायी रोक,महिला शोषण की जांच प.बंगाल से बाहर कराने की अपील

Sandeshkhali Violence Row: संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार की ‘दुर्व्यवहार’ की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक को जारी किये गए नोटिस पर रोक लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट में आज पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सुनवाई हुई। ⁠सुप्रीम कोर्ट ने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगाने के साथ साथ विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर रोक लगायी। ममता सरकार की याचिका पर कोर्ट ने ये कदम उठाया है। इसके साथ ही लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया गया है और 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

इससे पहले रविवार को उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की खबर आई। तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। शिबू को हिरासत में भेजने का फैसला बशीरहाट सबडिवीजन कोर्ट ने सुनाया। इनके खिलाफ संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।

लोकसभा आयोग की तरफ से पेश वकील ने शेयर अदालत द्वारा लगाए गए रोक का विरोध करते हुए कहा कि ये विषेधिकार समिति की पहली बैठक है। वकील ने कहा कि उनपर कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा, यह एक नियमित प्रक्रिया है।

क्या है मामला…
बता दें कि संदेशखाली जाते वक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रोके जाने की घटना सामने आई थी। मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में घायल हो गए। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं के तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने के बाद से तनाव व्याप्त है।

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