PM Narendra Modi ने खड़गे पर कसा तंज, बोले- ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा

PM Narendra Modi ने सदन में कहा है कि वह सोच रहे थे कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को सदन में इतनी देर तक बोलने का मौका कैसे मिला और फिर उन्हें एहसास हुआ कि संसद में कांग्रेस के दो विशेष कमांडर वहां नहीं थे।
PM Narendra Modi ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। संसद में उन्होंने बीचे दिनों लोकसभा में दिए भाषण के अंदाज में ही आज भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आरक्षण से लेकर विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस को इतिहास की याद दिलाई। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर एक ऐसा तंज कसा कि पूरा सदन ही ठहाकों से गूंज उठा। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने ऐसी क्या बात कही है।
ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा…
पीएम मोदी ने सदन में कहा- “मैं उस दिन तो नहीं कह सका लेकिन मैं खरगे जी का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। मैं उस दिन उनकी बातें बहुत ध्यान से और आनंद से सुन रहा था। लोकसभा में हमें मनोरंजन की जो कमी खल रही थी, वह उन्होंने पूरी कर दी। सोच रहा था कि उन्हें इतनी देर तक बोलने का मौका कैसे मिला और फिर मुझे एहसास हुआ कि दो विशेष कमांडर वहां नहीं थे तो उन्होंने इसका फायदा उठाया। मुझे लगता है कि खरगे जी ने वो गाना तो सुना ही होगा ‘ऐसा मौका फिर कहा मिलेगा।”
खरगे ने दिया 400 सीटों का आशीर्वाद- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सदन में कहा कि एक बात खुशी की रही कि मल्लिकार्जुन खरगे ने एनडीए के लिए 400 सीट का आशीर्वाद दिया है और आपका आशीर्वाद मेरे सर आंखों पर। दरअसल, बीते दिनों संसद में मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में एनडीए को 400 पार वाला बयान दिया था। उन्होंने पीएम मोदी को देखते हुए कहा था कि आपके पास इतना बहुमत है, पहले 330-340 हो रहा था अबकी बार 400 पार हो रहा है।
कांग्रेस जन्म से ही दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की विरोधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस जन्म से ही दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की सबसे बड़ी विरोधी रही है। कभी-कभी मेरे मन में सवाल आता है कि अगर बाबा साहब नहीं होते तो क्या एससी/एसटी को आरक्षण नहीं मिलता। नेहरू जी ने जो कहा वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। दिखावे के लिए आप कुछ भी कहें, लेकिन आपकी सोच ऐसे कई उदाहरणों से सिद्ध होती है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के SC/ST, OBC को सात दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा।