Manipur Violence: मणिपुर बंद का ऐलान, CBI ने छात्रों के हत्यारों को किया गिरफ्तार
Manipur Violence: रविवार को CBI ने छात्रों की हत्या के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है। Manipur Violence केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI ने दो छात्रों की हत्या के आरोपियों को दबोच लिया है। सीबीआई ने रविवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदेश की भाजपा शासित सरकार ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कही है। वहीं इन आरोपियों के पकड़े जाने के बाद घाटी में इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) समेत अन्य आदिवासी समूहों ने गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। आदिवासी समूहों ने चुराचांदपुर में सोमवार को पूर्ण बंद का ऐलान किया है। वहीं सरकार ने हालात को भांपते हुए घाटी में 6 अक्टूबर तक इंटरनेट पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा दिया है।
Manipur Violence CM बिरेन सिंह ने कड़ी सजा की कही बात
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि फिजाम हेमनजीत और हिजाम लिनथोइंगंबी के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार कुछ मुख्य अपराधियों को आज चुराचांदपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। जैसा कि कहा जाता है, कोई अपराध करने के बाद भाग सकता है, लेकिन कानून के लंबे हाथों से नहीं बच सकता। हम उनके द्वारा किए गए जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड सहित अधिकतम सजा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
CBI ने महिला समेत 4 को किया गिरफ्तार
दरअसल, 27 सितंबर को घाटी में लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंध को बहाल किया गया था, जिसके बाद जुलाई में गायब हुए दो छात्रों के शवों की तस्वरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं और घाटी में हिंसा की आग दोबारा सुलगने लगी। जिसके बाद प्रशासन ने एक बार फिर 1 अक्टूबर शाम सात बजे तक इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी थी। छात्रों की हत्या के मामले में सीबीआई ने रविवार को एक महिला समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला मुख्य आरोपी की पत्नी बताई जा रही है। जिसके बाद आदिवासी संगठनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध जताने लगे और सोमवार को बंद का आह्वान किया है।
6 अक्टूबर तक इंटरनेट पर प्रतिबंध
मणिपुर सरकार ने गिरफ्तारी के बाद हालात को देखते हुए तत्काल प्रभाव से 6 अक्टूबर तक इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी। प्रशासन ने रविवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, “ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो मैसेज प्रसारित करने के लिए बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का प्रयोग कर सकते हैं, जिसके मणिपुर राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”

