त्रिपुरा में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान करंट से 2 बच्चों सहित 7 की मौत, 30 झुलसे

त्रिपुरा के उनाकोटि जिले में बुधवार शाम जगन्नाथ यात्रा का रथ हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। हादसे में 2 बच्चों सहित 7 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग झुलस गए। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक इस्कान मंदिर की ओर से कुमारघाट इलाके में शाम करीब 4.30 बजे ‘उल्टा रथ यात्रा’ के दौरान के श्रद्धालु लोहे से बने रथ को खींच रहे थे। इसी दौरान रथ 133 केवी ओवरहेड केबल के संपर्क में आ गया। मान्यताओं के अनुसार त्रिपुरा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के एक सप्ताह बाद उल्टी रथ यात्रा निकाली जाती है। इसमें भगवान के रथ को पीछे से खींचा जाता है। इसे ‘उल्टा रथ यात्रा’ कहा जाता है। इसमें रथ पर भगवान जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा सवार रहती हैं। पुलिस ने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने घटना पर शोक जताया है।
ऊर्जा मंत्री ने दिए जांच के आदेश प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ ने घटना पर शोक जताते हुए हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने राज्य विद्युत निगम के डीजीएम से बात की है। अधिकारियों को जांच के आदेश देकर जल्द रपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। इतने बड़े आयोजन में इस तरह की गलती बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
त्रिपुरा के उनाकोटि जिले में बुधवार शाम जगन्नाथ यात्रा का रथ हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। हादसे में 2 बच्चों सहित 7 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग झुलस गए। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक इस्कान मंदिर की ओर से कुमारघाट इलाके में शाम करीब 4.30 बजे ‘उल्टा रथ यात्रा’ के दौरान के श्रद्धालु लोहे से बने रथ को खींच रहे थे। इसी दौरान रथ 133 केवी ओवरहेड केबल के संपर्क में आ गया। मान्यताओं के अनुसार त्रिपुरा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के एक सप्ताह बाद उल्टी रथ यात्रा निकाली जाती है। इसमें भगवान के रथ को पीछे से खींचा जाता है। इसे ‘उल्टा रथ यात्रा’ कहा जाता है। इसमें रथ पर भगवान जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा सवार रहती हैं। पुलिस ने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने घटना पर शोक जताया है।