सजगता बरतते तो नहीं होता हादसा! आरंग में निर्माणाधीन कुएं में डूबने से 3 बच्चों की मौत

रायपुर, चरौंदा। जिले के आरंग तहसील अंतर्गत ग्राम चरौंदा में रविवार को हादसे में कुएं में डूबने (गिरने) से एक ही परिवार के 3 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। जन जागरूकता बनाए रखते तो यह घटना नहीं घटती।

जैसा कि बताया जा रहा है कि चरौंदा, आरंग में सरकार द्वारा एक कुआं निर्माण किया जा रहा है। जो काफी हद तक खुद चुका है, पानी भी आ गया है। सुरक्षा के मद्देनजर महज जाली (नेट) लगाई गई थी। वहां देखरेख करने वाला कोई नहीं था। महज जाली से निर्माणाधीन कुंए को घेर कर इतिश्री कर लेना प्रशासन की घोर लापरवाही मानी जानी चाहिए। बेहतर होता गांव के ही किसी एक-दो व्यक्ति को मानदेय देकर कुछ समय देखरेख के लिए रखा जाता।

दूसरी ओर गांव वासियों को विशेष तौर पर सजग रहना चाहिए। उन्हें खुद ही उपरोक्त मांग करनी चाहिए थी। या गांव वाले खुद निगरानी करने किसी को रखते। ऐसा करने से घटना को संभवतः रोका जा सकता था।

बताया जा रहा है कि बच्चे नजदीक लगे अमरूद पेड़ से फल तोड़ रहे थे। किसी को इसकी जानकारी तक नहीं थी। पर यह तय है कि उस अमरूद पेड़ से बच्चे, किशोर, युवा पहले भी अमरुद तोड़ते रहे होंगे। ऐसे में नजदीक पर निर्माणाधीन कुंआ के पास टूटा या गिरा हुआ अमरुद उठाने बच्चे दौड़े होंगे और एक के बाद एक कुंए में एक ही समय में गिर पड़े होंगे। चूंकि कुआं गहरा है और उसमें पानी भी आ गया है, बारिश का भी पानी होने से जलस्तर ज्यादा रहा होगा। बच्चों ने बचाव हेतु आवाज लगाई रही होगी। पर आस-पास कोई नहीं होने से कोई सुन नहीं पाया होगा।

मानसून के वक्त नदी, तालाब, कुएं, नहर, गड्ढों में डूबने से मौतों की खबर राज्य के अंदर से आती रहती है। जिन्हें थोड़ी अतिरिक्त सतर्कता,सजगता बरतते हुए रोका या टाला जा सकता है। ग्रामीण, क्षेत्रों, सुनसान इलाकों सूने तालाब, नदी तट, कुआं, नहर आदि के पास बच्चे, किशोर या जानवर ना जाएं इसका ध्यान रखना चाहिए। बच्चों- किशोरों को विशेष समझाईश घर- मोहल्ले वाले- गांव वाले चौक, चौराहे, चौपाल में एकत्रित कर देवें। जिससे कि वे याद रख सकें। साथ ही बच्चे चर्चा भी आपस में करते रहें। छोटे बच्चों की मौतें हर किसी को विचलित कर देने वाली होती हैं।

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