2.5 लाख करोड़ की बचत, जानें PM मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जीएसटी रिफॉर्म्स को लेकर देश को संबोधित किया और कहा, ‘जीएसटी 2.0 न केवल आम लोगो की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि यह आर्थिक आत्मनिर्भरता का ब्लूप्रिंट होगा। जानें पीएम ने क्या क्या कहा?
जीएसटी सुधारों को भारत के मिडिल क्लास के लिए दोहरा लाभ बताया जा रहा है। रविवार (21 सितंबर, 2025) की मध्यरात्रि से नई दो-स्लैब वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने से कुछ घंटे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “बचत उत्सव” और भारतीयों के लिए “आत्मनिर्भरता” की दिशा में पहला कदम बताया। बता दें कि जीएसटी दरों में कटौती 22 सितंबर से लागू होगी जिससे वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी।
राष्ट्र के नाम संबोधन में, पीएम मोदी ने जीएसटी व्यवस्था के चार-स्लैब से दो-स्लैब प्रणाली में सरलीकरण, अनुपालन में आसानी और इसके परिणामस्वरूप कीमतों में कमी के बीच संबंधों के बारे में विस्तार से लोगों को बताया और इस व्यापक मुद्दे पर जोर दिया कि भारतीयों को अपने दैनिक जीवन से विदेशी उत्पादों को हटाकर भारत में बने उत्पादों को अपनाना चाहिए, जिससे देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा मिलेगा।
10 प्वांइट्स में जानें पीएम मोदी ने क्या कहा
- मोदी ने कहा, “गर्व से कहो यह स्वदेशी है और मैं स्वदेशी खरीदता और बेचता हूं।” उन्होंने कहा कि अतीत में जब भारत एक समृद्ध राष्ट्र था, तो वह अपने द्वारा उत्पादित और व्यापार की जाने वाली विश्व स्तरीय वस्तुओं के बल पर ही समृद्ध था।
- मोदी ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों और व्यक्तियों के लिए प्रति वर्ष ₹12 लाख तक की आयकर छूट को भारत के मध्यम और नव-मध्यम वर्ग के लिए दोहरा लाभ बताया।
- उन्होंने कहा कि इससे सस्ते सामान के कारण घरों में लगभग ₹2.5 लाख करोड़ की बचत होगी। उन्होंने इसे सार्वजनिक नीति में अपनी सरकार का “नागरिक देवो भव” दृष्टिकोण बताया
- प्रधानमंत्री ने कहा, “नवरात्रि के पहले दिन ही देश आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम उठा रहा है।” उन्होंने हितधारकों और सभी राज्य सरकारों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद 2017 में जीएसटी व्यवस्था अपनाने के निर्णय का वर्णन किया।
- उन्होंने राज्य सरकारों से भी भारतीय वस्तुओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने की नीति अपनाने की अपील की।
- उन्होंने बताया कि कैसे जीएसटी के चार स्लैब को घटाकर दो कर दिया गया है, और कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं, जिन पर पहले 12% कर लगता था, अब 5% के स्लैब में हैं।
- प्रधानमंत्री ने घरेलू खपत को बढ़ावा देने की भी अपील की, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से नीचे से ऊपर उठाया है।
- पीएम मोदी ने कहा, “यह नव-मध्यम वर्ग और आयकर छूट प्राप्त मध्यम वर्ग इन सुधारों के माध्यम से ₹2.5 लाख करोड़ की बचत करेगा, लेकिन सभी को यह याद रखना होगा कि विकसित भारत का लक्ष्य केवल आत्मनिर्भरता से ही प्राप्त किया जा सकता है।
- पिछले कुछ दशकों में, विदेशी उत्पाद हमारे दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं में घुस गए हैं, और हमें इन्हें अपने उत्पादों से बदलने की आवश्यकता है।”
- अब संशोधित जीएसटी संरचना के तहत, केवल 5% और 18% के कर स्लैब लागू होग, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं अधिक किफायती हो जाएंगी।