छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : अपने-अपने होते हैं, पराया पराया

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 :
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : विधानसभा चुनाव हेतु राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे के साथ सिर फुटव्वल, आरोप- प्रत्यारोप, रूठना, मानना, शुरू
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : रायपुर विधानसभा चुनाव हेतु राजनीतिक दलों में टिकट छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 बंटवारे के साथ सिर फुटव्वल, आरोप- प्रत्यारोप, रूठना, मानना, घर (पार्टी) छोड़ना,पार्टी बदलना चलता रहता है।
छत्तीसगढ़ में अगले माह 7 एवं 17 नवंबर को चुनाव होने है। उसके पहले दलों में टिकट बंटवारा शुरू हो गया है। अब एक अनार सौ बीमार वाली कहावत में किसी एक को तो ही अनार मिलेगा। दूसरे-तीसरे को तो चाह कर भी संभव नहीं। पर शेष रह गए (बचे) दावेदार इसे समझते कहां हैं। उनमें सब्र ही कहां होता है। बस विरोध, सिर फुटौव्वल,आरोप मीन-मेख के बीच धैर्य भी खो बैठते है। अपनी पार्टी (घर) छोड़ दूसरी पार्टी ज्वाइन कर लेने से नहीं हिचकते। यहां टिकट बंटने के ठीक पहले तक के अपने, घर-परिवार (दल) टिकट बंटने के तुरंत बाद न मिलने पर चुभने लगते हैं। तब दूसरा घर यानी पराया घर या कि दूसरा दल अपना लेते हैं। दूसरा दल भी हाथों-हाथ ले स्वागत-सत्कार कर तुरंत सदस्यता दे देते हैं।
राजनीति में कहावत है कोई दोस्त-दुश्मन नहीं होता। यानी जो दोस्त है वो कल दुश्मन बन जाए या फिर जो आज दुश्मन है वह कल दोस्त बन तो आश्चर्य नहीं। पर इन सब दलों के कार्यकर्ता पदाधिकारी इतना तो समझ सकते हैं कि अपने -अपने होते हैं पराया -पराया। जहां घर होगा वहां चार बात तो होगी। चार बर्तन रहने पर आवाज तो होगी।
दूसरे यानी पराया घर पर पराया ही होगा। पूणर्तः आपको वहां स्वीकार नहीं जाएगा। इधर अपने-अपने होते कुछ होने की स्थिति में यानि सुख-दुख के साथ परिवार वाला ही खड़ा होता है। दुनिया की यही रीत है। (अपवाद छोड़ दे) घर (पार्टी) कोई ट्रेन का डिब्बा नहीं है कि जो सीट न मिलने पर बदल डालते हैं।
अपनी बोगी (घर) पर रहे- इंतजार करें- समय आने पर (नंबर) मिल जायेगी फिर दूसरी बोगी में वह सब सुविधा आराम थोड़े मिलता है जो अपनी बोगी में मिलता हैं।
(लेखक डॉ. विजय )