वरिष्ठों का भरोसा जीत, टीम बनाए भरोसा-भरोसेमंद

रायपुर। 18 अगस्त एक दिवसीय मैचों की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्पर्धा-क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का मेजबान भारत है। स्वाभाविक तौर पर वह मनोवैज्ञानिक दबाव में रहेगी। इधर कप को शुरू होने में अब महज 50 दिन बाकी है। इस बीच टीम चुनी जानी है।

भारत दो बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत चुका है। एक बार कपिलदेव के नेतृत्व में तो दूसरी और अंतिम बार एम.एस धोनी के कप्तानी में। भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ एक उम्दा जाने माने बल्लेबाज़ रहे हैं, जो भरोसे मंद दीवार के नाम से भी जाने जाते है। उनका व्यक्तित्व भी शानदार है। छवि साफ-स्वच्छ है। उन्होंने रिटायरमेंट बाद नए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना शुरु किया। उन्हीं के प्रयासों-मेहनत का नतीजा रहा की उनके शिष्य भारत के टीम में छाए रहे और दो बार जूनियर वर्ल्ड कप वन डे स्पर्धा जीती।

इन दिनों वे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम बनाने का प्रयोग कर रहे हैं। जददोजहद कर रहें राहुल द्रविड़ पर कोई शक नहीं कर सकता। उनके प्रयोग को और गति मिलेगी अगर वे अपने वरिष्ठ, वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव, सुनील गावस्कर, मदन लाल, एम.एस धोनी (जूनियर रहे है), सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंवले, रोजर बिन्नी, मोहिन्दर अमरनाथ आदि महान खिलाड़ियों से व्यापक चर्चा कर लें। इससे राहुल पर बन रहा कथित दबाव हट जायेगा। एक उम्दा 16 सदस्यीय टीम वे चुन सकेंगे।

चूँकि मेजवान हम हैं। लिहाजा अच्छी मेजवानी का भी दबाव रहेगा। जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सम्हालना है। वह भी उपरोक्त खिलाडियों से इस संदर्भ में राय-मशविरा करें। कोच राहुल – कप्तान रोहित शर्मा उपरोक्त वरिष्ठ खिलाड़ियों के निर्देशन में भावी टीम को हफ्ते भर तक ट्रेनिंग देने के साथ उनकी कॉउंसलिंग मनोवैज्ञानिक तौर पर कराये। इसका कदाचित लाभ मिलेगा। क्रिकेट अनिश्चित मना-समझा-रहा है। लिहाजा नतीजे की ज्यादा चिंता किये बगैर ठीक उस अंदाज में खेले जैसे कपिल के नेतृत्व में 1983 में इंग्लैंड में खेले थे। खोने को कुछ नही था पाने को सारा आसमान! किसी को भरोसा नहीं हो रहा था की भारत वर्ल्ड कप जीत गया है।

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