एयर प्यूरीफायर ही बचाएगा दिल्ली वालों की जान? बिक्री 5 गुना बढ़ी
दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. जहरीली हवा से बचने के लिए एयर प्यूरीफायर की बिक्री में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है.
दिल्ली NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं. दिल्ली-NCR वायु प्रदूषण के कारण अब गैस चैंबर बन चुका है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से पार होकर गंभीर श्रेणी में लगातार बना हुआ है, जिसके कारण दिल्ली और नोएडा में ग्रैप 4 लागू किया गया है, दिल्ली को जहरीली हवा से बचाने के सिर्फ एक ही उपाय दिखाई देता है, वो है एयर प्यूरीफायर.
जानलेवा जहरीली हवा से बचने और शुद्ध हवा के लिए अब लोग अपने घरों और दफ्तरों में एयर प्यूरीफायर लग रहे हैं, जिस कारण पिछले दो महीने में एयर प्यूरीफायर की बिक्री 5 गुना तक बढ़ चुकी है. वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में एयर प्यूरीफायर को ‘मेडिकल डिवाइस’ घोषित करने और उसका GST 18 फीसद से घटाकर 5 फीसद करने के लिए PIL दायर की गई है.
लोग 5000 से लेकर सवा लाख रुपए तक के एयर प्यूरीफायर लग रहे हैं. वहीं सरकारी स्कूलों में भी दिल्ली सरकार 10 हजार एयर प्यूरीफायर लगाने की तैयारी में है. लेकिन 18 फीसद GST और महंगे दामों के कारण इसको घर में लगाना भी एक लग्जरी बन गया है और आम आदमी इसे खरीद नहीं पा रहा है. वकील कपिल मदान द्वारा दायर याचिका के मुताबिक दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण से पैदा हुए अत्यधिक आपातकालीन संकट को देखते हुए एयर-प्यूरीफायर को लग्जरी आइटम नहीं माना जा सकता.
एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी
एयर प्यूरीफायर बेचने वाले दुकान के मालिक विक्रांत का कहना है कि दीपावली के बाद से अचानक एयर पॉल्यूशन काफी तेजी से बढ़ा, जिस कारण एयर प्यूरीफायर की पिछले कुछ दिनों में बिक्री पांच गुना तक हो चुकी है. पहले पिछले साल वायु प्रदूषण के कारण करीब 400 से 500 एयर प्यूरीफायर बिके थे, लेकिन इस साल स्थिति और भी ज्यादा खराब होने के कारण करीब 2200 एयर प्यूरीफायर पिछले दो से तीन महीने में बेच चुके हैं यानी कि एयर प्यूरीफायर की बिक्री करीब 5 गुना तक बढ़ चुकी है.
दुकानदारों का कहना है कि प्यूरीफायर की डिमांड काफी ज्यादा है. इतनी डिमांड की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है और एयर प्यूरीफायर वेटिंग में चल रहा है.
एयर प्यूरीफायर पर लग रही 18 फीसद GST
CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर (हाई ऐफिसिएंशी पर्टिक्युलेट एयर) पर अभी 18 फीसद GST लग रहा है जो कि काफी ज्यादा है. बृजेश गोयल ने बताया कि CTI ने इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर GST की दरें 18 फीसद से घटाकर 5 फीसद करने की मांग की है.
एक तरफ जहां सरकार प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं दिला पा रही है वहीं दूसरी तरफ एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर GST की दरें काफी ज्यादा हैं, जिससे कि आम लोगों को एयर प्यूरीफायर काफी महंगी दरों पर खरीदने पड़ते हैं. वायु प्रदूषण के कारण अब स्कूलों, अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट ऑफिस आदि में भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल बढ़ गया है.
घर के अंदर भी रहता है प्रदूषण
वही एयर प्यूरीफायर खरीदने आई महिला शिमता का कहना है कि घर के बाहर वायु प्रदूषण से बुरा हाल है और घर के अंदर भी दरवाजा खोलने के कारण एयर पॉल्यूशन रहता है जिस कारण बच्चे, महिलाएं बीमार पड़ रहे हैं और इसीलिए उन्हें भी एयर प्यूरीफायर खरीदना पड़ रहा है. यह जेब पर अतिरिक्त बोझ तो है लेकिन जान ज्यादा कीमती है.
5 फीसद बढ़ी डिमांड
दिल्ली और देश में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि अक्तूबर के बाद जैसे ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है एयर प्यूरीफायर की डिमांड 5 गुणा बढ़ गई है.
पहले एक दुकान पर प्रतिदिन औसतन 4 एयर प्यूरीफायर बिकते थे, लेकिन अब प्रतिदिन लगभग 20 एयर प्यूरीफायर बिक रहे हैं और कुछ कंपनियों के पास स्टाॅक भी खत्म हो गए हैं.

