झारखंड में 5 घंटे के लिए क्यों बंद रहेगा इंटरनेट, सरकार का क्या है बड़ा प्लान?

Jharkhand Internet News: सीएम हेमंत सोरेन ने तो मानो धांधलीबाजों के आगे हाथ ही खड़े कर दिए हैं. सीजीएल परीक्षा (JSSC CGL Exam) से पहले पेपर लीक रोकने की जगह उन्होंने इसकी दूसरी काट निकाल ली और काट यह कि इंटरनेट ही कट कर दो… यानी न रहेगा इंटरनेट, न लीक हो सकेगा एग्जाम का पेपर…
Jharkhand Internet News: रांची. झारंखड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो हद ही कर दी है. आज यहां स्टेट सर्विस कमीशन यानी जेएसएससी की सीजीएल परीक्षा (JSSC CGL Exam) हो रही है. छात्रों को उम्मीद रहती है कि सरकार एग्जाम में चीटिंग और पेपर लीक पर लगाम लगाएगी और पूरे साफ-सुथरे तरीके से परीक्षा पूरी कराएगी. इसी कवायद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जुटे दिखे. उन्होंने परीक्षा की तैयारियों को लेकर राज्य के सीनियर अधिकारियों से बात भी की, लेकिन इसके बाद जो कदम उठाया वह हैरान करने वाला है.
3 पालियों में होगा एग्जाम
राज्य में JGGLCCE की परीक्षा सुबह 8:30 बजे से अपराह्न 5 बजे तक 3 पालियों में चलेगी. परीक्षा 3 पालियों में सुबह 8:30 बजे से अपराह्न 5 बजे तक चलेगी. 2025 पदों पर निकली इस वैकेंसी के लिए राज्यभर में 823 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराई जा रही है. यहां सरकारी नौकरी की मारा-मारी को इसी बात से समझ सकते हैं कि 2025 पदों के लिए करीब 6.39 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं.
शनिवार और रविवार 5-5 घंटे इंटरनेट बंद
इस दौरान पेपर लीक और चीटिंग रोकने के मकसद से झारखंड सरकार के गृह विभाग ने सभी मोबाइल ऑपरेटिंग कंपनियों को इंटरनट कट करने का निर्देश दिया है. इसके तहत पूरे राज्य में शनिवार और रविवार को सुबह 8:30 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.
क्या बोले हेमंत सोरेन?
वहीं इंटरनेट बैन करके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पीठ ठोक रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों से बातचीत के बाद कहा कि किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सीएम सोरेन ने कहा, ‘अगर कोई भी परीक्षा के दौरान गलती से भी कुछ गलत करने की कोशिश करेगा तो हम उसके साथ सख्ती से निपटेंगे.’
हालांकि यहां सीएम सोरेन का यह जवाब देना चाहिए कि क्या परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए पूरे राज्य में इंटरनेट ठप कर देना कहां तक सही है. इंटरनेट बंद होने से पेपर लीक नहीं होगा, इसकी तो कोई गारंटी नहीं ले रहा, लेकिन आम लोगों को मुश्किलें इससे जरूर बढ़ जाएंगी. वे सामान खरीदने पर यूपीआई पेमेंट नहीं कर पाएंगे, कहीं आने-जाने के लिए ओला-ऊबर जैसी कैब सेवा नहीं पाएंगे और घर पर रहें तो मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर कोई शो भी नहीं देख पाएंगे. यहां तक कि अपने नाते-रिश्तेदारों से वॉट्सऐप के जरिये बात भी नहीं कर पाएंगे.