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TikTok की भारत में वापसी की राहें क्यों नहीं है आसान? जानें

TikTok Return: टिकटॉक की भारत में वापसी को लेकर अटकलें सामने आ रही हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि भारत में जल्द इस पर बैन हट सकता है। हालांकि, चीनी ऐप पर भारत में लगा बैन इतनी आसानी से नहीं हटेगा। इसमें कई तरह की चुनौतियां हैं।

 

चीनी सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप की भारत में वापसी को लेकर खबरें सामने आ रही हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि टिक-टॉक पर 5 साल पहले लगे बैन को सरकार हटाने जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर TikTok फिर से ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स इस पर लगे बैन को हटाए जाने का समर्थन कर रहे थे, तो कईयों ने इसकी दोबारा वापसी का विरोध किया। खैर, सोशल मीडिया पर यूजर्स की अपनी-अपनी राय हो सकती है। हालांकि, चीनी ऐप TikTok की दोबारा भारत में वापसी इतनी आसान नहीं है। पैरेंट कंपनी Bytedance की तरफ से भी इसे लेकर फिलहाल कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है।

फिर क्यों चर्चा में आया TikTok?

दरअसल, टिकटॉक की वेबसाइट भारत में एक बार फिर से ओपन होने लगा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल गई कि सरकार टिकटॉक पर से बैन हटाने वाले हैं। हालांकि, गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर टिकटॉक उपलब्ध नहीं है, जो दर्शाता है कि सरकार ने इस पर से बैन नहीं हटाया है। टिकटॉक की वेबसाइट आंशिक तौर पर खुलने लगा है, जिसमें कंपनी अपने प्लेटफॉर्म को लोगों की क्रिएटिविटी और मनोरंजन का साधन बता रही है

वेबसाइट ओपन होने के अलावा भारत और चीन के बीच सुधरते रिश्ते भी टिकटॉक की वापसी वाली हवा को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ लगाने का विरोध करने वाले देशों में चीन भी शामिल है, जिसकी वजह से लोगों का मानना है कि जल्द ही भारत और चीन के बीच चल रहा मनमुटाव खत्म हो जाएगा। इसके बाद चीनी ऐप्स की दोबारा से भारत में एंट्री हो सकती है।

5 साल पहले लगा था बैन

जून 2020 में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी, जिनमें Shareit, imo Video, Cam Scanner जैसे कई लोकप्रिय ऐप्स थे, जिनके भारत में लाखों यूजर्स थे। इन ऐप्स पर बैन लगाने के बाद सरकार ने आने वाले कुछ महीनों में 200 से ज्यादा चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने IT एक्ट 69ए के उल्लंघन की वजह से इन ऐप्स को बैन किया था। इन ऐप्स का सर्वर चीन में है, जिसे वहां की सरकार कंट्रोल करती है। ऐसे में भारतीय यूजर्स के निजी डेटा और देश की संप्रभुता को लेकर खतरा था।

उस समय गलवान घाटी में हुए तनातनी और कोरोना की वजह से देश में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर था। देश की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सैंकड़ों चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था। हालांकि, पिछले 5 सालों में भारत और चीन के बीच रिश्ते काफी बदल चुके हैं। दोनों देश सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई बार सकारात्मक बातचीत कर चुके हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच नरमी आई है लेकिन इसके बावजूद चीनी ऐप्स से प्रतिबंध हटाना काफी मुश्किल है।

टिकटॉक की भारत में वापसी क्यों है मुश्किल?

बैन से पहले टिकटॉक भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय ऐप्स में से एक था। खास तौर पर युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता ने अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खास तौर पर फेसबुक और वाट्सऐप की परेशानी बढ़ा दी थी। टिकटॉक पर उस समय 20 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स थे और ये भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप्स में था। हालांकि, अब परिस्थिति बदल गई है। टिकटॉक बैन होने के बाद Instagram ने उसकी जगह ले ली है। इंस्टाग्राम के अलावा कई और स्टार्टअप कंपनियों ने इसकी जगह लेने की कोशिश की थी, जिनमें Moj, Chingari आदि शामिल हैं।

टिकटॉक को भारत में वापसी के लिए यहां के नियमों के मुताबिक, यूजर्स का डेटा लोकली स्टोर करना होगा। इसका  कंट्रोल किसी अन्य देश में नहीं रखना होगा। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी Bytedance का हेडक्वार्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है। कंपनी का चीनी सरकार के साथ एक स्ट्रैटेजिक साझेदारी भी है।

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