Tokhan Sahu Profile: एक गांव का पंच बना देश का मंत्री, कौन हैं तोखन साहू जिन पर पीएम ने किया विश्वास

Tokhan Sahu Profile: निरंतर राजनीति में सक्रिय रहे धीरे-धीरे राजनीतिक सफर में निरंतर आगे बढ़ते रहे बिलासपुर लोरमी ब्लाक के गांव में पंच से शुरुआत ऐसे पहुंचे सांसद तक साहू।
बिलासपुर। Tokhan Sahu Profile: छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद अब तक हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हर पांच साल बाद उम्मीदवार बदले और नए चेहरे को मतदाताओं के सामने पेश किया। 2024 लोक सभा में एक बार फिर नये चेहरे में तोखन साहू नजर आए।
राजनीतिक एवं पारिवारिक परिचय
तोखन साहू का जन्म ग्राम डिंडौरी, जिला मुंगेली में 15 अक्टूबर 1969 को हुआ है। उन्होंने एम. कॉम तक की शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह लीलावती साहू से हुआ है। उनके एक पुत्र व एक पुत्री है। उनका राजनैतिक जीवन 1994 से शुरू हुआ है। वे 1994 में लोरमी ब्लॉक के सुरजपुरा गांव के निर्विरोध पंच बने।
30 जनवरी 2005 को जनपद सदस्य ब्लॉक लोरमी क्षेत्र क्रमांक-18 फुलवारीकला बने। 3 फ़रवरी 2010 को महिला आरक्षण के चलते अपनी लीलावती साहू को जनपद सदस्य फिर 19 फ़रवरी 2010 को अध्यक्ष जनपद पंचायत लोरमी बनाया।
2012 में जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के प्रतिनिधि बनें। जिला साहू समाज के संरक्षक बने। जिला साहू समाज के संरक्षक बने। भाजपा पश्चिम मंडल के महामंत्री बने। 2013 में भाजपा ने उन्हें लोरमी विधानसभा से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी और सिटिंग विधायक धर्मजीत सिंह को चुनाव हराया। उन्हें 52302 वोट मिले।
धर्मजीत सिंह को 46061 वोट मिले थे। 2015 में कृषि, मछलीपालन, पशुपालन, जलसंसाधन विभाग के संसदीय सचिव बने। 2014 में छत्तीसगढ़ वन्य जीव बोर्ड के सदस्य बने। 2015 में खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के सदस्य बने। भाजपा के अभेद गढ़ बिलासपुर लोकसभा सीट से 2024 लोक सभाचुनाव जीत कर तोखन साहू ने जीत का नया कीर्तिमान रच दिया है।
यह है मंत्री बनाने की बड़ी वजह
- तोखन साहू ओबीसी वर्ग से आते हैं। क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 41 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है।
- केंद्रीय कैबिनेट में लगातार दो बार आदिवासी वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है। यही वजह है कि इस जातिगत समीकरण को साधने ओबीसी वर्ग को मौका दिया गया।