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किन से मिल रहा इकोनॉ​मी को सपोर्ट, सामने आई फाइनेंस मिनिस्ट्री की धांसू रिपोर्ट

सरकार ने अपनी सितंबर की इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत का ग्रोथ आउटलुक मजबूत बना हुआ है, जिसकी वजह मजबूत डॉमेस्टिक डिमांड, अच्छा मानसून, घटती महंगाई और हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रिफॉर्म का असर पहले से ही दिखाई दे रहा है, और अक्टूबर में औसत दैनिक यूपीआई ट्रांजेक्शन का वॉल्यूम काफी बढ़ गया है. जोकि त्यो​हारी सीजन में मजबूत डिमांड की ओर इशारा कर रहा है.

 

वित्त मंत्रालय ने अपनी सितंबर की इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू मांग, अनुकूल मानसून, कम महंगाई और हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का ग्रोथ आउटलुक मजबूत बना हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अनिश्चित ग्लोबल आउटलुक के बीच, भारत की इकोनॉमी लगातार गति पकड़ रही है. जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन और त्योहारी सीजन के साथ ग्रामीण और शहरी भारत में मांग की स्थिति मजबूत हुई है, जो उद्योग जगत की रिपोर्टों से मेल खाता है, जो बिक्री में, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में, मज़बूत वृद्धि का संकेत दे रही हैं.

आरबीआई और आईएमएफ ने बढ़ाया अनुमान

सप्लाई पक्ष की ओर से, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स में “स्वस्थ” वृद्धि हुई. सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अनुमान से ज़्यादा वृद्धि और वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में लगातार ऊपर की ओर बढ़ते रुझानों को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमानों को एडवांस किया गया है. आईएमएफ अब रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रहा है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) को रियल जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. इसका मतलब है कि दोनों ने अपने पुराने अनुमान से 20 और 30 आधार अंकों का इजाफा किया है.

महंगाई के मोर्चे पर मजबूत

रिपोर्ट के अनुसार महंगाई, खास कर फूड इंफ्लेशन में कमी की वजह से काफी हद तक कंट्रोल में रही है. फूड कैटेगिरी में निरंतर अपस्फीति के कारण रिटेल महंगाई सितंबर 2025 में घटकर 1.54 फीसदी रह गई है, जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 1.7 फीसदी रह गई है. नॉन फूड और नॉन फ्यूल प्रोडक्ट्स की कीमतें स्थिर रहीं, और सितंबर 2025 में कोर इंफ्लेशन 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. मंत्रालय ने कहा कि प्रतिकूल मौसम की घटनाओं और सप्लाई चेन में व्यवधानों से उत्पन्न झटकों को छोड़कर, मूल्य स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में महंगाई 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है और बेस इफेक्ट कम होने पर वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में इसमें वृद्धि की उम्मीद है

बैंकिंग सिस्टम में सुधार

रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता बनाए रखने के आरबीआई के प्रयासों ने आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा करेंसी और लोन दोनों बाजारों में ट्रांसमिशन सिस्टम सुचारू रूप से कार्य कर रहा है, जो इन उपायों की प्रभावशीलता को दर्शाता है. इन उपायों का उद्देश्य “बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करना, लोन फ्लो में सुधार करना, व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना, विदेशी मुद्रा प्रबंधन को सरल बनाना और भारतीय रुपए का इंटरनेशनलाइजेशन करना” है.

एक्सपोर्ट में भी इजाफा

एक्सटरनल ट्रेड पर बात करें तो गतिशील ग्लोबल ट्रेड आउटलुक के बीच, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में स्थिर व्यापार प्रदर्शन के साथ, भारत की एक्सटरनल इकोनॉमिक एक्टीविटी “लचीली” बनी हुई है. देश के कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं) में वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 4.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 413.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. जहां प्रोडक्ट एक्सपोर्ट में 3 फीसदी (सालाना) की वृद्धि हुई है, वहीं सर्विस एक्सपोर्ट में 6.1 फीसदी (सालाना) की वृद्धि हुई है. इसी अवधि के दौरान, मुख्य वस्तु निर्यात में 7.5 फीसदी (सालाना) की मजबूत वृद्धि जारी रही. सरकार ने कहा कि वह संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से भारतीय इकोनॉमी को बाहरी कमजोरियों के प्रति लचीला बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

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