कौन हैं छत्तीसगढ़ के ‘बाबा’ टीएस सिंहदेव, 2018 चुनाव में निभाई अहम भूमिका

TS Singh Deo : यूपी के प्रयागराज में जन्में टीएस सिंह देव ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए अहम भूमिका निभाई है। उनके पिता मदनेश्वर शरण सिंह देव सरगुजा राजघराने के 117वें राजा थे। सिंहदेव का सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर सीधा प्रभाव माना जाता है। टीएस सिंह देव सरगुजा राजघराने के 118वें राजा हैं। साथ ही उन्हें महाराजा कहलाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसलिए लोग उन्हे टीएस बाबा कहकर बुलाते हैं। इस राजघराने की कई पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी रही हैं।
1983 में पहली बार जीता चुनाव
टीएस सिंहदेव को 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। साथ ही यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। टीएस ने भले ही नगर पालिका अध्यक्ष पद से राजनीति की शुरूआत की हो, लेकिन सरगुजा राजपरिवार से होने के नाते उनका राजनीति में इससे कहीं अधिक दबदबा है।
बतादें कि टीएस सिंहदेव के पिता मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और बाद में योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी मां देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मध्यप्रदेश में दो बार मंत्री रहीं हैं।
TS Singh ने मध्यप्रदेश में की पढ़ाई
यूपी में जन्मे टीएस देव सिंह ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से इतिहास में MA किया है।
2013 के चुनाव में सबसे अमीर विधायक थे
बतादें कि जब 2013 में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे थे, तो उस समय टीएस सिंहदेव सबसे अमीर विधायक थे। तब उन्होंने खुद के पास 514 करोड़ो की संपत्ति स्वीकार की थी। 2018 विधानसभा चुनाव के शपथ पत्र में उनकी कुल संपत्ति 505 करोड़ से अधिक है।
टीएस सिंहदेव का राजनीतिक करियर
1. 1983 में टीएस सिंहदेव पहली बार नगर पालिका अध्यक्ष चुने गए।
2. 2008 में सरगुजा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसाभ पहुंचे और 2013 में दूसरी बार व 2018 में तीसरी बार विधासभा चुनाव में जीत दर्ज की।
3. टीएस सिंहदेव वर्तमान में छत्तीसगढ़ के उप मख्यमंत्री हैं। उन्होने 2018 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए अहम भूमिका निभाई थी।
2018 चुनाव में रही अहम भूमिका
छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी और राज्य में भाजपा का शासन हुआ करता था। उस दौरान वह भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले नेताओं में सबसे आगे रहते थे। उन्होंने अपनी लोकप्रियता के कारण साल 2018 में कांग्रेस को राज्य की सत्ता में लाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।