Sat. Apr 19th, 2025

5.8 की तीव्रता से कांपी धरती तो घरों से भागे लोग; जम्मू कश्मीर और दिल्ली NCR तक झटके

Earthquake: भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में शनिवार (19 अप्रैल) को भूकंप आया। दोपहर 12:17 बजे 5.8 की तीव्रता से धरती कांपी तो हड़कंप मच गया। जम्मू कश्मीर और दिल्ली NCR तक झटके महसूस हुए।

Earthquake: भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में शनिवार (19 अप्रैल) को भूकंप आया। दोपहर 12:17 बजे धरती कांपी तो हड़कंप मच गया। दहशत में लोग घरों से बाहर की तरफ भागे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मांपी गई। भूकंप के झटके जम्मू कश्मीर और दिल्ली NCR में भी महसूस हुए। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भूकंप का असर दिखा।

इसलिए आता है भूकंप 
धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं। कई बार प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। ज्‍यादा दबाव पड़ने पर प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है। इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भूकंप ने म्यांमार में मचाई थी तबाही 
बता दें कि भूकंप की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार (28 मार्च) को 7.2 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचाई थी। इमारतें भरभराकर गिरीं थी। भूकंप के झटके म्यांमार, थाईलैंड और भारत सहित 5 देशों में महसूस किए गए थे। 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 3,400 से अधिक लोग घायल हुए थे।

earthquakeअमेरिका और न्यूजीलैंड में भी डोली थी धरती 
अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया में सोमवार (14 अप्रैल) की आधी रात 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था। जोर के झटके लगे तो लोग घरों से बाहर भागे। पहाड़ से पत्थर लुढ़क कर सड़कों पर गिरे। अलमारियों और दीवारों का सामान भरभरा गिरा था। इससे पहले न्यूजीलैंड में मंगलवार (25 मार्च) को 6.5 की तीव्रता से धरती डोली थी। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर भूकंप की जानकारी साझा की थी। इससे पहले  बंगाल के कोलकाता में 25 फरवरी को भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.1 मापी गई थी।

भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप के झटके महसूस होने पर सबसे पहले शांत हो जाएं, घबराएं नहीं और तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। अगर आप घर के अंदर हैं तो मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिप जाएं, अपने सिर और गर्दन को हाथों से सुरक्षित करें या ‘ड्रॉप, कवर एंड होल्ड’ तकनीक का पालन करें। खिड़कियों, शीशों और भारी फर्नीचर से दूर रहें क्योंकि ये टूटकर गिर सकते हैं।

खुले मैदान में जाएं
अगर बाहर हों तो खुले मैदान में जाएं और इमारतों, बिजली के खंभों व पेड़ों से दूर रहें। वाहन में होने पर गाड़ी रोककर खुले स्थान पर खड़े हो जाएं। भूकंप के बाद गैस लीकेज, बिजली के खुले तारों और क्षतिग्रस्त इमारतों से सावधान रहें तथा अफवाहों पर ध्यान न दें।

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