जगन को तिरुपति मंदिर जाने से नहीं रोका गया, नोटिस मिला है तो दिखाएं: CM नायडू

सीएम नायडू ने कहा, मुझे नहीं पता कि उनके (जगन) तिरुमला न जाने के पीछे का क्या कारण था, लेकिन वे ऐसा दावा कर रहे थे जैसे उन्हें रोका गया हो और नोटिस जारी किया गया हो। मैं आपसे सीधे पूछ रहा हूं। क्या आपको कोई नोटिस दिया गया है?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सुप्रीमो वाईएस जगन मोहन रेड्डी ऐसा दावा कर रहे हैं जैसे अधिकारियों ने उन्हें तिरुमला मंदिर जाने से रोका है। नाय़डू ने पूछा कि क्या उन्हें (जगन को) मंदिर नहीं जाने के लिए कोई नोटिस दिया गया था। नायडू ने तिरुपति भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में अनुष्ठान करने की योजना को स्थगित करने के जगन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर धार्मिक स्थान की अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं और जो कोई भी पूजा स्थल पर जाना चाहता है उसे वहां अपनाए जाने वाले मानदंडों का सम्मान करना चाहिए।

‘पूर्व सीएम बताएं तिरुपति मंदिर जाने से किसने रोका’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जगन का यह कहना कि वह अपनी आस्था को साबित करने वाले ‘घोषणा पत्र’ पर हस्ताक्षर किए बगैर भी तिरुमला मंदिर जा चुके हैं, उन्हें उस गलती को दोहराने का अधिकार नहीं देता। मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उनके (जगन) तिरुमला न जाने के पीछे का क्या कारण था, लेकिन वे ऐसा दावा कर रहे थे जैसे उन्हें रोका गया हो और नोटिस जारी किया गया हो। मैं आपसे सीधे पूछ रहा हूं। क्या आपको कोई नोटिस दिया गया है? क्या किसी ने आपसे वहां न जाने के लिए कहा?”

‘कोई भी व्यक्ति परंपराओं और रीति-रिवाजों से बड़ा नहीं’

उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें आ रही थीं कि वाईएसआरसीपी, जगन के मंदिर दौरे को लेकर लोगों को जुटाने के लिए सूचना फैला रही थी ताकि पुलिस को प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा। नायडू ने कहा, “परंपराओं और रीति-रिवाजों का सम्मान किया जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति परंपराओं और रीति-रिवाजों से बड़ा नहीं है।”

विपक्षी दल वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की अपनी यात्रा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने यह कदम आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों द्वारा मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपनी आस्था साबित करने की बढ़ती मांग के कारण उठाया है।

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