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Chhattisgarh News: सूखे पड़ते तालाबों के लिए बढ़ाया कदम, गंगरेल और तांदुला बांध से छोड़ा गया पानी

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Chhattisgarh News: धमतरी स्थित गंगरेल बांध यानी रविशंकर जलाशय से दो चरणों में करीब 1900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया,वहीं तांदुला बांध से 850 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रायपुर-दुर्ग दोनों संभागों के गांवों में तालाब सूखने की शिकायतें लगातार आ रही हैं।

Chhattisgarh News रायपुर।  प्रदेश के अंदर ज्यादातर बड़े बांधों में जल भंडारण में गिरावट दर्ज की गई है। जबकि भीषण गर्मी के चलते गांवों के तालाब सूखने लगे हैं और निस्तारी के लिए दबाव बढ़ रहा है। जिससे हाहाकार की स्थिति बन रही है।

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के लगातार दबाव बाद बांधों से निस्तारी के लिए पानी छोड़ा गया। गंगरेल बांध यानी धमतरी स्थित रविशंकर जलाशय से दो चरण में करीब 1900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तो उधर बेमेतरा, बालोद, दुर्ग जिले में दबाव बनने पर तांदुला बांध से 850 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रायपुर-दुर्ग दोनों संभागों के गांवों में तालाबों के सूखने की शिकायत लगातार आ रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में निस्तारी के वास्ते पानी छोड़ा जा रहा है। चर्चा यह भी है कि सभी बड़े बांधों से तालाबों के अनुमान के हिसाब से पानी छोड़ा गया है। दुर्ग, बेमेतरा, बालोद जिले में 900 के करीब तालाब हैं। उधर बिलासपुर परिक्षेत्र के बड़े बांधों पर दबाव बनने लगा है। वहां भी बाद में जरूरत पड़ने पर पानी छोड़ा जा सकता है। इधर गंगरेल से छोड़ा गया 1400 क्यूसेक पानी अभी अंतिम छोर तक नही पहुंच पाया है। माना जा रहा है कि अभी ओर पानी की मांग उठ सकती है। बलौदाबाजार परिक्षेत्र में नहरों के दायरे में आने वाला गांवों में 6 हजार के करीब तालाब हैं। अभी भी वहां 30 प्रतिशत कम तालाब भरे है।

दोनों सभागों में मॉनिटरिंग की जा रही है

उधर बांधों से पानी छोड़ने के बाद मारामारी की स्थिति से बचने विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है। मॉनिटरिंग वास्ते मैदानी अमले को सक्रिय किया गया है। जिससे कि अंतिम छोर के गांवों को भी निस्तारी के लिए पानी मिल सके। इस बीच विभागीय अधिकारियों का दावा है कि बांधों में पेयजल के लिए स्टाक सुरक्षित रखा गया है। गर्मी बढ़ने से जल संकट पैदा हो रहा है। परंतु निस्तारी के लिए जरूरत मुताबिक निर्णय लिए जाने और गांवों में किसी भी तरह की समस्या न ही होने का विभागीय दावा किया जा रहा है।

(लेखक डा. विजय)

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