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Water Crisis in Raipur: बढ़ने लगी पेयजल समस्या, राजधानी में चल रहे 2 दर्जन टैंकर

Water Crisis in Raipur:

Water Crisis in Raipur: राजधानी में पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो मई के महीने में भीषण गर्मी पड़ेगी, तापमान 43 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा और लू चलने लगेगी, तब टैंकर का नजारा देखने को मिल सकता है।

Water Crisis in Raipur रायपुर। अप्रैल माह के बीतते’-बीतते तक राजधानी के 10 जोन में से 7 जोनों के कई इलाकों में पानी के टैंकर दौड़ने पड़ रहें हैं। यह तब है, जबकि तापमान महज 38-40 डिसे चल रहा है। मई माह में अगर खासी गर्मी पड़ी तापमान 43 से 45 डिसे तक पहुंचा, लू शुरू हुई तो टैंकर का नजारा चाहूंओर दिख सकता है।

शहरों के अंदर 2 दर्जन टैंकरों से पानी सप्लाई

शहर में घर-घर पानी पहुंचाने 4 अरब रुपए वाली मिशन अमृत योजना 2 वर्ष से चल रही है। बावजूद 2 दर्जन टैंकरों से पानी सप्लाई की नौबत अप्रैल जाते-जाते आन पड़ी है। जानकारों का कहना है कि मिशन अमृत का कार्य ढीला-ढाला रहेगा हालत इधर खराब होते जाएगे। वर्तमान में ज्यादातर जोनों के नलों में पर्याप्त पानी नही आ रहा है कुछ स्थानों पर गंदा भी आ रहा है, तो कई जगहों पर टुल्लू पंप से लोग पानी चोरी कर रहे हैं। कई वार्डों में पाइप लाइन सही नही बिछाने से लीकेज आ रहा है। नतीजन मिट्टी, गंदा पानी भी निकलने की शिकायत है।

सभी जोन में पानी की समस्या बढ़ गयी है

बताया जा रहा है कि जोन 01से 08 एवं 10 को छोड़ दें ,तो शेष बचे 07 जोनों में कही न कही टैंकर चल रहा है। विभाग के 15 टैंकर तो वही किराए के 8 टैंकर दौड़ रहे हैं। जोन क्रमांक 6 में पंकज विक्रम वार्ड के विवेकानंद नगर, टैगोर नगर, इलाके में लो प्रेशर की समस्या है। जोन 07 में रामकुंड इलाके में गंदा पानी सप्लाई थम नही रही है। लाभांडी,दलदल सिवनी,सडढू, कचना जैसे आउटरों में किराए के 13 टैंकर दौड़ाए जा रहे हैं। जोन क्रमांक 05 अंतर्गत चंगोराभाठा, कुशालपुर, डंगनिया, ईदगाहभाठा, डीडी नगर, अश्विनी नगर, सुंदरनगर, लाखेनगर ढाल समेत पुरानी बस्ती के इलाकों में 8 किराए के टैंकर दौड़ रहे हैं। जोन 3 में 5, जोन 2 में 4 और जोन 01 में तीन टैंकर भेजा जा रहा है। इसी तरह जोन 4 और 6 में 2-2 टैंकर तथा जोन 07 में और जोन 08 में 1-1 टैंकर जा रहा है।

अमृत मिशन योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाई

एक अनुमान है कि मई माह के दूसरे से चौथे हफ्ते के बीच 40 से 60 टैंकरों की जरूरत शहर में आन पड़ सकती है। क्योंकि मिशन की पाइपलाइन बिछाने की योजना पूरी तरह सफल नही हो पा रही है, तो वही पानी चोरी हर वार्ड में जारी है।इसे पकड़ना इसलिए भी मुश्किल है कि निगम या स्मार्ट सिटी वाले घरों के अंदर जा टुल्लू पंप जब्त करने छापा भी नही मार सकते। वे बेबस है इसका टुल्लू पम्प वाले बेजा फायदा उठाते हैं।

( लेखक डा. विजय)

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