वक्फ बिल को मिला केरल के कैथोलिक बिशप्स काउंसिल का समर्थन

केरल के कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल को समर्थन दिया है। KCBC सांसदों से इस बिल के पक्ष में मतदान करने की मांग की है।

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पर पूरे देश में चर्चा जारी है। विभिन्न मुस्लिन संगठन और नेता इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं। हालांकि, वक्फ संशोधन विधेयक पर अब मोदी सरकार को बड़ा साथ भी मिला है। केरला कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने वक्फ बिल को समर्थन दिया है और सांसदों से बिल के पक्ष में वोट देने की अपील की है।

KCBC ने की ये अपील

केरला कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को समर्थन देते हुए, राज्य के सांसदों से आग्रह किया है कि जब विधेयक चर्चा के लिए पेश किया जाए तो वे इसके पक्ष में मतदान करें। 29 मार्च, 2025 की एक प्रेस विज्ञप्ति में, केसीबीसी ने वक्फ अधिनियम की “असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण धाराओं” में संशोधन की मांग की है।

वक्फ बोर्ड ने किया है 404 एकड़ भूमि पर दावा

KCBC की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मुनंबन भूमि विवाद का उल्लेख किया गया है जिसमें केरला राज्य वक्फ बोर्ड ने केरला के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम उपनगर में लगभग 404 एकड़ भूमि पर दावा किया है। इस दावे का भूमि पर रहने वाले 600 परिवारों ने विरोध किया, जिनमें मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू शामिल थे। परिवारों ने इस बात पर जोर दिया कि भूमि पर कानूनी अधिकार उनके पास है, क्योंकि उन्होंने इसे दशकों पहले फारूक कॉलेज से खरीदा था।

BJP ने की केसीबीसी की सराहना

प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल क्लेमिस कथोलिका बावा, उपाध्यक्ष बिशप पॉली कन्नूक्कटन और महासचिव बिशप एलेक्स वडक्कुमथला ने केरला के सांसदों से वक्फ अधिनियम के “आपत्तिजनक” हिस्सों में संशोधन का समर्थन करने का आग्रह किया। केरला में ईसाई समुदाय के करीब पहुंचने की कोशिश कर रही BJP ने केसीबीसी के रुख की सराहना की है।

जानें केसीबीसी के बारे में

केसीबीसी केरला में सिरो-मालाबार, लैटिन और सिरो-मलंकरा चर्चों से संबंधित कैथोलिक बिशपों का एक शक्तिशाली संगठन है। KCBC इस मुद्दे पर वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा कर रही संसद की संयुक्त समिति के समक्ष भी याचिका दायर कर चुका है। मुनंबन भूमि विवाद के बाद केरला की सत्तारूढ़ CPM और विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भूमि पर कब्जा करने वालों के पक्ष में सामने आई थी, अधिकारियों ने वादा किया था कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा। हालाँकि, दोनों ही पार्टियों ने केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है।

पीड़ितों को न्याय मिलेगा- KCBC

KCBC का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल के समर्थन ने मुनंबन के पीड़ितों को न्याय मिलेगा। राज्य सरकार ने कब्जाधारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उपाय ढूंढने हेतु एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने हाल ही में आयोग की नियुक्ति को रद्द कर दिया। इस मुद्दे से विभिन्न समुदायों के बीच मतभेद उत्पन्न होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसीलिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ का एक घटक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग मुनंबम भूमि पर ईसाई कब्जेदारों के पक्ष में सामने आया है। आईयूएमएल ने बिशपों के साथ कई दौर की बातचीत की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि न तो पार्टी और न ही मुस्लिम समुदाय भूमि पर कब्जा करने वालों को बेदखल करने के पक्ष में होगा। केरला में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटी BJP के लिए वक्फ बिल को लेकर KCBC का समर्थन एक अहम घटनाक्रम है।

 

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