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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : भाजपा-कांग्रेस का सरकार बनाने का अपना-अपना दावा, विभिन्न स्तर के सर्वे बाद

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 :

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 :

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है, वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : राज्य में मतदान उपरांत ज्यों-ज्यों मतगणना की तिथि 3 दिसंबर करीब आ रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023  त्यों -त्यों दोनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस सरकार बनाने तो अन्य छोटे-मंझोले दल- निर्दलीय अपनी-अपनी जीत का दावा करने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ में मतदान दो चरणों में 7 एवं 17 नवंबर को संपन्न हो चुका है। अब सीधे 3 दिसंबर की सुबह से मतगणना शुरू हो जाएगी। पर उसके पूर्व भाजपा -कांग्रेस दोनों दल अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा करने लगी है। दोनों से कई स्तर का सर्वे कराया। कांग्रेस ने मतदान बाद वन-टू-वन प्रत्याशियों को बुलाकर चर्चा की एवं मतदान की स्थिति जानी। साथ ही चुनाव पूर्व सर्वे कराया- इतना ही नहीं संबंधित बूथ कमेटियों से भी रिपोर्ट संगठन ने ली। इन सबके आधार पर कांग्रेस 55 सीट पार करने का दावा भरने लगी है।

उधर भाजपा ने चुनाव के दौरान स्वयं सर्वे कराया। और आरएसएस ने अलग सर्वे किया। जिसमें दोनों ने सरकार बनने की बात कही हैं। वह 48 से 55 सीट की संभावना जताई है। जबकि इस बीच राज्य एवं केंद्र स्तर की कुछ खुफिया संस्थाओं का सर्वे रिपोर्ट 40-45 सीट बता रहा है। प्रत्याशी अपनी जीत का दावा संगठन से चर्चा में कर रहे हैं।

दरअसल दोनों प्रमुख दलों ने घोषणा पत्र देर से जारी किया। आप पहले-आप पहले के चक्कर में घोषणा पत्र आनन-फानन में पहले चरण के मतदान के कुछ
ही दिन पूर्व ही जारी हुआ। जिसमें दोनों ने लोक लुभाना वायदे कर रखें हैं।

उक्त वायदों से मतदाताओं खासकर महिला मतदाताओं के प्रभावित होने एवं उनका मत खुद को मिलने का दावा- प्रतिदावा जारी है। खैर ! यह सब मतगणना के पूर्व दिवस तक जारी रहेगा। वास्तविकता 3 दिसंबर को सामने आ जाएगी। इस बीच छोटे-मंझोले दलों ने यथाशक्ति कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा है। तो वहीं कुछ प्रत्याशियों ने टिकट न न ही मिलने पर दलों से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। इनमें से भी कुछ लोग-कुछ सीटों पर अपना दावा जता रहे हैं। हालांकि राज्य के मतदाता आमतौर पर दोनों प्रमुख दलों की मध्य बंटे हुए हैं। वे यहां के मतदाता किसी एक पसंदीदा पार्टी को मतदान करने हैं। तो दूसरा किसी अन्य प्रमुख दल को। वे छोटे दलों या निर्दलीय की ओर कम आकर्षित होते हैं।

(लेखक डॉ. विजय)

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