SIR में पता सुधार की मांग कर रहे वोटर, विकल्प नहीं होने से लोग परेशान
छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, इस दौरान पता सुधार का विकल्प नहीं लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग वोटर आईडी कार्ड में अपना पता सुधारने की मांग कर रहे हैं।
रायपुर: प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू है। लेकिन, इस दौरान पता सुधार का विकल्प नहीं होने से सेजबहार क्षेत्र के लोग परेशान हैं। इन्होंने एसआईआर के दौरान पता सुधार की मांग की है।
वार्ड-20 के मतदाताओं का कहना है कि उनके गणना प्रपत्र में हाउसिंग बोर्ड कालोनी के वास्तविक मकान पते के अनुसार दर्ज नहीं है। अपडेशन के साथ पता भी सही हो जाता, तो उन्हें यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। यह समस्या 2006 के बाद विकसित हाउसिंग बोर्ड कालोनी फेस 1-2, गुलशन वाटिका फेस1-2, गुडलक रेसिडेंसी, अविनाश कालोनी सहित अन्य बस्तियों में समान रूप से बनी हुई है।
इन क्षेत्रों के करीब 2,500 मतदाता वार्ड-20 में दर्ज हैं। सेजबहार ग्राम पंचायत में वर्ष-2003 में 1,561 मतदाता थे, जो बढ़कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के अनुसार 5,253 हो गए हैं। 20 वार्डों वाले इस पंचायत में वार्ड-20 में ही उतने मतदाता हैं, जितने वार्ड 1 से 19 तक मिलाकर हैं।
इन्होंने पंच, सरपंच, जिला पंचायत सदस्यों, विधायक, सांसद एवं संबंधित बीएलओ से आग्रह किया है कि समस्या पर तत्काल संज्ञान लें। लोगों की मांग है कि मतदाता सूची में पते से जुड़ी त्रुटियों का शीघ्र सुधार सुनिश्चित किया जाए, ताकि सभी बिना किसी बाधा के मताधिकार सुरक्षित और सुचारु रूप से प्रयोग कर सकें।
इनसे ले सकते हैं मदद
यदि आपके राज्य में एसआईआर हो रहा है और मन में उसे लेकर किसी तरह का संदेह है तो अब आप अपने बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) से सीधे कर सकेंगे बात, चुनाव आयोग ने बुक ए कॉल बिद बीएलओ नाम से एक टोलफ्री नई सेवा शुरू की है। कोई भी अपने एसटीडी कोड के साथ 1950 पर काल कर सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग पर दीपक बैज ने लगाया आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि अधिकांश मतदाताओं तक अभी तक बीएलओ नहीं पहुंचे हैं, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग दावा कर रहा है कि 80 प्रतिशत मतदाताओं को प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। वास्तविक स्थिति में 25 प्रतिशत मतदाताओं तक भी फार्म नहीं पहुंचे हैं। यह भी शिकायतें आ रही कि बीएलओ घर-घर जाने के स्थान पर मोहल्ले में एक स्थान पर या स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में बैठकर फार्म वितरित कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से मतदाताओं से सफेद बैकग्राउंड वाले पासपोर्ट फोटो खिंचवा कर जमा कराने की अनिवार्यता की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में फोटो खिंचवाने में भी परेशानी आ रही। आयोग की इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। बीएलओ जब मतदाता के घर जाए तो उनसे वहां पहुंचने का पुष्टि प्रमाणपत्र हासिल करे। 80 प्रतिशत फार्म पहुंचने के दावे के बाद तो यह और भी जरूरी हो गया कि बीएलओ मतदाता के घर पहुंचा है कि नहीं, आयोग सुनिश्चित करे। उन्होंने एसआईआर की प्रक्रिया एक से बढ़ाकर तीन माह करने की मांग की है।

