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व्लादिमीर पुतिन पहुंचे भारत, पीएम मोदी ने किया भव्य स्वागत

व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को भारत पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई है। PM मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पहुंचे और पुतिन का स्वागत किया। दोनों नेता एक ही कार में साथ बैठकर 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे हैं।

 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार की शाम करीब 7 बजे दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन पर उतरे। उनका स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रोटोकॉल की सभी सीमाएं लांघते हुए PM मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और पुतिन को गले लगाया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे। वहां दोनों नेताओं ने अनौपचारिक वन-टू-वन बातचीत की है। PM मोदी ने पुतिन के सम्मान में डिनर भी होस्ट किया है। पुतिन ऐसे समय में भारत आए हैं जब पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत-रूस अब क्या नया प्लान बनाते हैं।

शुक्रवार को क्या-क्या होगा?

शुक्रवार 5 दिसंबर को व्लादिमीर पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा और उन्हें तीनों सेनाओं का गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडलों के साथ उच्च-स्तरीय कूटनीतिक वार्ता करेंगे।

कौन सी बड़ी डील होने की उम्मीद?

इस दौरे में कई अहम समझौते होने की संभावना है-:

  • रोसाटोम भारत में और न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने का करार करेगी।
  • S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बची हुई दो बैटरियां जल्द भेजी जाएंगी, पांच और खरीदने की बात चल रही है।
  • S-500 सिस्टम में सहयोग और ब्रह्मोस मिसाइल की अगली पीढ़ी को साथ मिलकर विकसित करना।
  • रूस ने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-57 के ज्वाइंट प्रोडक्शन ऑफर दिया है।
  • सिविलियन एयरक्राफ्ट (कॉमर्शियल पैसेंजर प्लेन) और शिपबिल्डिंग में पार्टनरशिप।
  • हाई-टेक सेक्टर, स्पेस, न्यूक्लियर एनर्जी, हेल्थ, शिपिंग, फर्टिलाइजर और कनेक्टिविटी में नए समझौते।
  • रूस में यूरिया प्लांट लगाने, रेयर अर्थ मिनरल्स में सहयोग और स्पेस प्रोग्राम में तकनीक ट्रांसफर की बात।

व्यापार असंतुलन दूर करने की कोशिश

भारत और रूस के बीच अभी करीब 70 बिलियन डॉलर का व्यापार है, लेकिन ज्यादातर सामान रूस से भारत आता है जैसे हथियार, तेल-गैस और हाई-टेक सामान। भारत अब अपना ट्रेड डेफिसिट कम करना चाहता है। युक्रेन युद्ध के कारण रूस में कुशल कर्मचारियों की कमी हो गई है, भारत उस कमी को पूरा करने को तैयार है। बदले में भारत दवाइयां, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद और सी-फूड का निर्यात बढ़ाना चाहता है।

25 साल पुरानी दोस्ती, 17वीं मुलाकात

मोदी और पुतिन की दोस्ती करीब 25 साल पुरानी है। दोनों की पहली मुलाकात 2001 में हुई थी जब मोदी गुजरात के नए-नए CM बने थे और तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रूस गए थे। तब से दोनों देशों के बीच सालाना समिट की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री बनने के बाद आज मोदी की पुतिन से 17वीं मुलाकात है। गुरुवार को रूसी राजनयिक हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि पीएम मोदी पुतिन का स्वागत करने के लिए खुद एयरपोर्ट आएंगे, यह बात पहले से नहीं बताई गई थी। पिछले साल मोदी जब रूस गए थे तो पुतिन ने उन्हें अपने निजी कंट्री हाउस (दाचा) में होस्ट किया था। तीन महीने पहले चीन में SCO मीटिंग के दौरान पुतिन ने मोदी को अपनी कार में बिठाया और 50 मिनट तक बात की थी।

पाकिस्तान-चीन में बेचैनी, दुनिया को संदेश

रक्षा मामलों में रूस भारत का सबसे भरोसेमंद दोस्त है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत रूस से नए हथियार लेगा, मिसाइल सप्लाई और एयर डिफेंस को और मजबूत करेगा। इन डिफेंस डील्स से पाकिस्तान और चीन सबसे ज्यादा बेचैन हैं। पुतिन बड़े डेलिगेशन के साथ आए हैं और उनके साथ फर्स्ट डिप्टी PM डेनिस मंटुरोव, रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव, पांच और मंत्री, रूसी सेंट्रल बैंक की गवर्नर समेत 75 बड़े कारोबारी आए हैं। शुक्रवार को पूरे दिन औपचारिक वार्ता होगी और कई समझौतों पर मुहर लगेगी। कहने को यह सालाना समिट है, लेकिन पूरी दुनिया की निगाहें दोनों नेताओं की दोस्ती और इनके बीच होने वाली डील्स पर टिकी हैं।

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