कटक में प्रतिमा विसर्जन को लेकर भड़की हिंसा, लाठीचार्ज के बाद अब इंटरनेट सेवा बंद

ओडिशा के कटक में प्रतिमा विसर्जन को लेकर तनाव की स्थिति देखी गई। रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। वहीं इलाके में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है।
कटक: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर फैले तनाव के बीच रविवार को दरगाह बाजार इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की। स्थिति उस समय बिगड़ गई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने जुलूस रोकने पर पुलिस से बहस शुरू कर दी और टकराव की नौबत आ गई। इस दौरान हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल हो गए। जानकारी के अनुसार कटक के डिप्टी कमिश्नर और दरगाह बाजार थाना प्रभारी सहित 8 से ज्यादा पुलिसकर्मी और कुछ मीडियाकर्मी भी चोटिल हो गए।
आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कटक कमिश्नरेट पुलिस ने सख्त एक्शन लेने का फैसला किया है। पुलिस कमिश्नर एस. देव दत्ता सिंह के निर्देशन में तीन विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करेंगी। कमिश्नर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति हिंसा में शामिल पाया जाए, उसके खिलाफ तुरंत और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
इंटरनेट और सोशल मीडिया पर रोक
इस बीच, ओडिशा सरकार ने कटक के कुछ हिस्सों में इंटरनेट और सोशल मीडिया सेवा पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है। यह फैसला शहर में अफवाहों और भड़काऊ संदेशों को रोकने के लिए लिया गया है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 5 अक्टूबर शाम 7 बजे से 6 अक्टूबर शाम 7 बजे तक यह प्रतिबंध लागू रहेगा। यह रोक भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 और अस्थायी टेलिकॉम सेवा निलंबन नियम, 2017 के तहत लगाई गई है। यह अस्थायी इंटरनेट बंदी कटक म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन, कटक डिवेलपमेंट अथॉरिटी और 42 मौजा क्षेत्र में लागू रहेगी। इसमें मोबाइल डेटा और ब्रॉडबैंड सेवाएं दोनों शामिल हैं।
हिंसा में आठ पुलिसकर्मी घायल
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस कमिश्नर डॉ. सुरेश देबदत्त सिंह ने कहा, “आज कटक में एक संगठन ने बाइक रैली निकालने की अनुमति मांगी, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई। इससे पुलिस के साथ झड़प हुई। जब पुलिस ने दबाव डाला कि उन्हें सड़क से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है। पथराव में आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में बल प्रयोग कर इन लोगों को तितर-बितर किया गया। हमें यह भी पता चला है कि ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही थीं कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव की घटना में घायल हुए चार व्यक्तियों में से एक की मौत हो गई है। ये अफवाहें फैलाने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। उस दिन घायल हुए चार लोगों में से सभी को मामूली चोटें आई थीं। तीन को उसी दिन छुट्टी दे दी गई। एक का इलाज चल रहा है। शांति बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया जाएगा।”
डीजीपी ने जांच के दिए आदेश
वहीं ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) योगेश बहादुर खुरानिया ने कहा, “कटक में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। पुलिस स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है। हिंसा में शामिल सभी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैं कटक के सभी निवासियों से कहना चाहता हूं कि किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। वे तुरंत पुलिस की वेबसाइट, कमिश्नरेट की वेबसाइट और उनके ट्विटर हैंडल की जांच करें। वहां दिए गए तथ्यों को समझें।”
विहिप ने लगाए प्रशासनिक विफलता के आरोप
विहिप ने प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया और “कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थता” के लिए डीसीपी और जिला कलेक्टर के तत्काल ट्रांसफर की मांग की। संगठन ने इसके विरोध में सोमवार को सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है। विहिप के एक प्रवक्ता ने कहा, “बार-बार अनुरोध के बावजूद अधिकारी शांतिपूर्ण विसर्जन सुनिश्चित करने में विफल रहे।” वहीं बीजू जनता दल (बीजद) ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयास के लिए “असामाजिक तत्वों” को दोषी ठहराया।
सीएम ने की शांति की अपील
ओडिशा सीएमओ ने इस घटना पर कहा, “ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कटक में हुई संघर्ष की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कटक शहर एक हजार साल पुराना शहर है। कटक शहर भाईचारे का एक अनूठा उदाहरण है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कुछ उपद्रवियों के कारण शहर में शांति भंग हुई है और आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे उपद्रवियों पर नजर रख रही है और कानून के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
भड़काऊ मैसेज पर न दें ध्यान
सरकार का कहना है कि कुछ लोग इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए यह कदम उठाया गया ताकि शांति बनी रहे और कानून व्यवस्था न बिगड़े। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह या भड़काऊ मैसेज पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखने में सहयोग करें।