मणिपुर में हिंसा जारी, लाख कोशिशों के बाद भी गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा राज्य

मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर चल रही हिंसा अभी भी शांत नहीं हुई है। 120 दिनों से जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर में भले ही शांति कायम करने की काशिशें जारी हों लेकिन बीच-बीच में कहीं न कहीं गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती है। मणिपुर के विष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में पिछले 72 घंटों के अंदर कुकी और मेइती के बीच लगातार गोलीबारी के कारण कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।

हमले से जुड़ी जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा, बिष्णुपुर जिले के खोइरेंटक तलहटी और चुराचांदपुर जिले के चिंगफेई और खौसाबुंग इलाकों में दो गुटों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी भी हुई। बताया जा रहा है कि दोनों गुटों के बीच 29 अगस्त से हिंसक झड़प हो रही है। मामला तब बिगड़ गया जब खोइरेंटक क्षेत्र में फायरिंग के दौरान 30 वर्षीय एक ग्रामीण स्वयंसेवी की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को कुछ समय के लिए शांति हो गई थी लेकिन बाद में फिर से फायरिंग की शुरुआत हो गई। गुरुवार को मामला उस वक्त और बिगड़ गया जब बुधवार को हिंसा के दौरान घायल एक युवक की मौत हो गई। वहीं हिंसा में घायल हुए एक अन्य व्यक्ति की गुरुवार की सुबह चुराचांदपुर जिले के अस्पताल में मौत हो गई।

नारायाणसेन गांव में भड़की हिंसा में दो लोगों की गई जान
बता दें कि चिंगफेई इलाके में बुधवार शाम को फायरिंग के दौरान घायल हुए पांच लोगों में से तीन को चुराचांदपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि विष्णुपुर के नारायाणसेन गांव के पास मंगलवार को भड़की हिंसा में दो लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में छह अन्य लोग घायल हो गए थे। चिंगफेई इलाके में मारे गए युवक में एक की मौत गोली लगने से हुई थी जबकि दूसरे की मौत खुद की देसी बंदूक से गोली चेहरे पर लगने से हुई।

About The Author

© Copyrights 2024. All Rights Reserved by : Eglobalnews