Vinesh Phogat Campaign: अब तक 19 दिन का चुनाव प्रचार… विनेश फोगाट बोलीं, ‘राजनीति करना काफी मुश्किल’
Vinesh Phogat Campaign: रेसलर से राजनेता बनी विनेश फोगाट अब चुनाव प्रचार के लिए भी पूरी ताकत झोंक रही है। लेकिन उनके इस बयान के क्या मायने है, आगे पढ़िये…
Vinesh Phogat Campaign: Haryana Assembly Election 2024: रेसलर से राजनेता बनी विनेश फोगाट हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने से अब तक कड़ी मेहनत कर रही हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार की शुरुआत 8 सितंबर को जुलाना के बक्ता गांव से की थी, जो कि उनकी ससुराल है। वे जुलाना की जनता से अपने लिए वोट मांग रही हैं। लेकिन, चुनाव प्रचार के 19 दिन बाद विनेश ने ऐसा बयान दे दिया है, जो कि सभी को चौंका सकता है।
विनेश फोगाट का कहना है कि राजनीति करना काफी मुश्किल है। रेसलिंग तो आसान है, लेकिन राजनीति करने अधिक मुश्किल है। उन्होंने बताया कि राजनीति में उन्हें किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, यह भी बताया कि उन्होंने राजनीति में आने के लिए विचार कब बनाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनेश फोगाट ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बयान देते हुए कहा कि अभी तक मैं इस माहौल में नहीं ढल सकी हूं। राजनीति में रहने के बाद धीरे-धीरे सीख जाऊंगी। हमेशा इतने लोगों के बीच रहने की आदत नहीं है, अभी ना ही ज्यादा लोगों को जानती हूं, जैसे-जैसे सभी को जानने लगूंगी, तब जाकर यह आसान होगा। उन्होंने कहा कि मुझे कोई जल्दी नहीं है, स्लो चलेंगे तो सीख ही जाएंगे।
चरखी दादरी से नहीं लड़ने पर बोलीं विनेश
विनेश फोगाट ने चरखी दादरी से नहीं लड़ते हुए जुलाना से लड़ने पर कहा कि यह पार्टी का डिसीजन है। मैंने नहीं कहा था कि मुझे किस सीट से लड़ना है, पार्टी ने मुझे जिस सीट का टिकट दिया, मैं वहां से लड़ रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं भले ही जुलाना से लड़ रही हूं,लेकिन मेरी कोशिश होगी कि पूरे हरियाणा के लिए कुछ कर सकूं। मैं किसी एक जगह पर सीमित नहीं रहना चाहती हूं। जैसे मैंने स्पोर्ट्स के जरिए लोगों को प्रेरित किया, मैं पॉलिटिक्स में रहकर भी लोगों को प्रेरित करूंगी।
पॉलिटिक्स में आने का फैसला कब किया
विनेश फोगाट ने कहा कि जब मैं ओलंपिक खेल रही थी, तब मैंने पॉलिटिक्स में आने के लिए सोचा भी नहीं था। जब दिल्ली में आंदोलन कर रही थी, तब भी यह विचार नहीं आया था, लेकिन इस बार जब आई तो लोगों ने कहा कि आपको हमारे बच्चों के लिए कुछ करना होगा। जो दिक्कतें आपने झेली हैं, वह हमारे बच्चे नहीं झेले इसके लिए आपको कुछ करना होगा। तब मैंने पॉलिटिक्स में आने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि कोई भी लड़की अपने कपड़े फड़वाकर और अपने बाल नोचवाकर पॉलिटिक्स में क्यों आना चाहेगी। अगर मुझे राजनीति करनी होती, तो मेरे पास अभी भी 2 मेडल है। लोग मुझे भी जानते हैं, मैं सीधे तरीके से भी पॉलिटिक्स में आ सकती थी, लेकिन मुझे राजनीति करनी ही नहीं थी।