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बड़ी- वृहद गणेश प्रतिमाएं एहतियातन पंडाल पहुंचने लगी …!

हाट- बाजार में प्रतिमाएं खरीदने उमड़े भक्त सज-सजावट के स्थलों में भीड़

रायपुर। गणेश चतुर्थी कल यानि 19 सितंबर को हैं। परंतु राजधानी समेत प्रदेश की तमाम बड़े-मंझोले शहरों कस्बों में गणेशोत्स्व समितियाें ने प्रथम पूज्यनीय गणेश जी की वृहद प्रतिमाएं रविवार-सोमवार शाम तक पंडाल पर विराजित कर दी है। चतुर्थी पर विधि-विधान से स्थापना होगी।

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दरअसल ट्रैफिक जाम, एवं वृहद व बड़ी प्रतिमाओं को खंडित, होने से बचने के लिए गणेश उत्सव समितियां एहतियातन समय पूर्व लाने लगी है। प्रतिमाएं जितनी आकर्षित वृहद होती है उन्हें उतनी ही सावधानी से धीरे-धीरे रखनी होती है ट्रकों, ट्रालियों, ट्रैक्टरों में व्यवस्थित तौर पर चढ़ाना-रखना फिर ब्रेकरो एवं गढ़ढो से बचाकर लाना टेढ़ी खीर (कठिन) होता है। इस कार्य के लिए दर्जन-डेढ़ दर्जन कार्यकर्ता कम से कम चाहिए होते हैं। फिर सड़कों के ऊपर केवल एवं वृक्षों की डालियां, बिजली के तारों से बचाना मकसद होता है।

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बहरहाल रवि-सोम को देर रात तक महत्वपूर्ण कार्य ज्यादातर गणेशोत्सव समितियाें ने कर लिया। इस दौरान डीजे, बैंड बाजा वालों की खासी पूछ-परख रही। बप्पा (गणेश भगवान ) को लाने समिति सदस्यों, कार्यकर्ताओं के साथ उनके घर-परिवार की महिलाएं,युवतियां बच्चे एवं अन्य लोग भी मूर्तिकार के यहां जुटे। जहां से मूर्ति लेकर नाचते-गाते झूमते लंबोदर(गणेश ) के यशोगान का उद्घोष करते रास्ते पर देखे गए।

जिन अति वृहद प्रतिमाओं का फाइनल टच बचा हुआ है ऐसी प्रतिमाएं को कल 19 सितंबर अपरान्ह शाम तक समितियां लाएगी। इधर तमाम पंडालों को आकर्षक ढंग से रंग -बिरंगे, मैचिंग करते कपड़ों,पर्दों कनातो से सजाया गया है। उतना ही शानदार इंटीरियल डेकोरेशन जारी है। पंडालों हाइट भी अच्छी है कार्यकर्ता एवं उसके परिजन दिन रात पंडाल सजाने में जुटे हैं आसपास के लोग पंडाल निर्माण देखने छोटे मझौल समूह में पहुंच रहे हैं तो वहीं राह चलते राहगीर वहांसे गुजरते कुछ देर रुक कर एक नजर पंडाल पर डाले बिना नहीं रह पा रहे हजारों लाखों रुपए पंडाल खड़ा करने सजाने में लगाए गए है। एक तरह से प्रतिस्पर्धा चल रही है।

उधर तमाम हर हाट- बाजारों में छोटे मंझोले गणेश प्रतिमाओं का स्टाल लगा हुआ है लोग खरीदारी के लिए परिवार समेत भी पहुंच रहे हैं। इनमें परिवार के साथ संस्थाओं के कर्मचारी ,अधिकारी,भी शामिल है। 100रूपये से लेकर 5 हजार तक की दर छोटी-मंझोली प्रतिमाओं की रखी गई है। राजधानी में 70 वार्डों में छोटी-बड़ी मंझोली तकरीबन 7-8 सौ प्रतिमाएं बिठाई जा रही है जबकि घरों के हिसाब से यह संख्या हजारों में होगी। एक अनुमान है कि 30 -40 हजार परिवार घरों पर प्रथम पूज्यनीय गणेश भगवान विराजते हैं।

19 सितंबर अपरान्ह बाद दरों में गिरावट आ सकती है। मूर्तिकारों का कहना है कि काली मिट्टी कि दर साढे चार से 5 हजार रूपये ट्रैक्टर कर दी गई है। जो पिछले साल से हजार डेढ़ हजार रुपए थी। दूसरा रंग रोगन खर्च भी बढ़ा हैं। उधर डेकोरेशन के नाम पर दर्जन भर से से अधिक चीज बिक रही है दूसरी तरफ प्रसाद हेतु लड्डू मोदक मिठाई फल केला से नाशपति, बताशे के भाव बढ़ गए हैं। फुल बाजार में भी खासा उछाल हैं फूल विक्रेता पिछले दो तीन दिनों से व्यस्त है। जो पूरे 11 -12 दिन तक ऑर्डर पर कार्य कर रहें हैं। इसका भाव भी बड़ा हुआ है।

(लेखक डॉ विजय )

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