वृहद परीक्षा भवन निर्माण का प्रयास सराहनीय … !

विश्वविद्यालय इसे आय का जरिया भी बनाए, अन्य विश्वविद्यालय सीख लें

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में 1000 सीट क्षमता वाला वृहद परीक्षा भवन बनाया जा रहा है। जो सार्थक एवं सराहनीय है। इससे विश्वविद्यालय को नियमित आय भी हो सकती है। राज्य एवं केंद्र स्तर पर होने वाली प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के आयोजन हेतु परीक्षा भवन किराए पर दिया जा सकता है। सच कहें तो यह प्रयास परीक्षा भवन निर्माण पहले ही हो जाना था।

मुख्य प्रशासनिक भवन के पीछे निर्माणाधीन वृहद परीक्षा भवन का कार्य तेजी से जारी है। जिससे 1000 विद्यार्थी बैठकर परीक्षा दे सकते हैं। बेशक इसका प्रभाव जल्द दिखाई देगा। दर्जनों अध्ययन शालाओं का अध्यापन कार्य इसके बन जाने (परीक्षा भवन) से प्रभावित नहीं होगा। तो वही शोधकार्य भी गंभीरता से होंगे।

उक्त निर्माणाधीन परीक्षा भवन में विश्वविद्यालय अध्ययन शालाओं के नियमित, प्राइवेट, पूर्व परीक्षार्थी-परीक्षा एक साथ दे सकते हैं। इसके साथ ही विभिन्न विभागों में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, सेमिनार संगोष्ठी, अधिवेशन, रिफ्रेशर कोर्स आदि भी कराए जा सकते हैं। सेंट्रल वैल्यूवेशन कार्य भी हो सकेंगे। वहीं सीसीटीवी से तमाम परीक्षाओं, कार्यक्रमों, उत्तर पुस्तिका जांचने वालों पर बराबर नजर रखी जा सकेगी।

वृहत परीक्षा भवन विश्वविद्यालय को आय भी दे सकता है। राजधानी में हर माह तमाम केंद्र-राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धी परीक्षाए होती रहती है। जो शहर के विविध शिक्षण संस्थाओं में आयोजित की जाती है। उनका आयोजन यानि केंद्र रविवि में कराते हुए परीक्षा आयोजन स्थल किराया शुल्क प्राप्त कर आय अर्जित की जा सकती है। हां, इस बात का ध्यान रखना होगा कि दोनों स्तर की परीक्षा का जिम्मा, जिला प्रशासन ले। विश्वविद्यालय केवल स्थान यानी केंद्र उपलब्ध कराएगा। मसलन परीक्षा निरीक्षक, अधीक्षक, अन्य कर्मी, उत्तर पुस्तिका, बण्डल, सुरक्षा विश्वविद्यालयीन शिक्षक, कर्मचारियों, अधिकारियों, शोधार्थियों को उक्त प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की ड्यूटी निरीक्षण कार्य से दूर रखें। नहीं तो बुरा प्रभाव शिक्षण, गैर शिक्षण कार्य पर पड़ेगा।

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