विवादों ने घिरा विश्वविद्यालय का हॉस्टल, 30 सुतली बम के साथ दो कारतूस बरामद

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हॉस्टल में पुलिस ने झगड़े की सूचना पर छापेमारी की। छापामारी के दौरान पुलिस को 30 सुतली बम, दो कारतूस और दो असलहे भी मिले। हॉस्टल में विस्फोटक सामग्री मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि हॉस्टल में झगड़े की सूचना मिलने के बाद छापेमारी की गई थी।
छापेमारी को लेकर एसीपी का कहना है कि हॉस्टल में झगड़े की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी। इस दौरान 30 सुतली बम, दो असलहे और दो कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से एक सदाकत खान इसी हॉस्टल में रहता था।
हत्याकांड के बाद पुलिस ने किया था कि उमेश पाल की हत्या करने के लिए हॉस्टल के रूम नंबर-36 में मीटिंग की गई थी. बीते दिनों प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया था, “हत्याकांड की साजिश मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में रची गई थी।
इस वारदात में शामिल साजिशकर्ता सदाकत खान पुत्र शस्मशाद खान को यूपी एसटीएफ ने अरेस्ट भी किया था। वो गाजीपुर का रहने वाला है और मुस्लिम हॉस्टल में रह रहा था। गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल प्रयागराज कोर्ट में गवाही देकर घर लौट रहे थे। साथ में दो गनर थे. मगर, उमेश पाल इस बात से बेपरवाह थे कि एक गाड़ी उसका पीछा कर रही है। जैसे ही उमेश पाल की कार गली में पहुंची और वो कार से नीचे उतरे, चारों तरफ से गोलियों की बौछार शुरू हो गई। उमेश जान बचाने के लिए गली में दौड़े। उनके गनर ने हमलावरों को जवाब देने के लिए पलटकर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन ये जवाब नाकाफी साबित हुआ था।
हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद था| उसका तीसरे नंबर का बेटा असद ही उमेश पाल पर फायरिंग करते हुए दिखाई दिया था। शुरुआत में पुलिस असद का नाम नहीं ले रही थी, लेकिन वारदात को कुछ दिन बाद प्रयागराज पुलिस ने खुलकर कहा कि असद ने ही वारदात को अंजाम दिया।