Wed. Jul 2nd, 2025

उद्धव ठाकरे ने साधा Nitish Kumar पर निशाना, कहा- राजनीतिक अंत! जनता दे श्रद्धांजलि

Nitish Kumar: उद्धव ठाकरे गुट ने कहा, जनता को नीतीश कुमार के अब तक के राजनीतिक करियर को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।

Nitish Kumar Uddhav Thackeray Saamana: बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के साथ बीजेपी के साथ चले गए और बिहार में फिर एनडीए की सरकार की वापसी हुई है। ये सब महज चंद दिनों में हुआ। इससे पूरे देश की नजर बिहार की सियासी घटनाओं पर है। पक्ष हो या विपक्ष हर खेमे में सीएम नीतीश कुमार के गठबंधन से जाने-जाने की जोरदार चर्चा है। उधर, शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में नीतीश की तीखी आलोचना की है और बीजेपी को भी घेरा है।

‘इंडिया’ गठबंधन में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू की साझेदार रही उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने जेडीयू प्रमुख की कड़ी आलोचना की है। सामना में लिखे लेख में कहा है, इंडिया गठबंधन कि नीतीश कुमार ने शुरुआत की, ऐसा लग रहा था कि वे आगे चलकर गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। लेकिन इस उम्र में बीजेपी के साथ जाना नीतीश कुमार का राजनीतिक अंत है।

नीतीश का सियासी सफर खत्म!
सामना में कहा गया है, “इस उम्र में लालू यादव की आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ नीतीश कुमार का फिर से बीजेपी के साथ जाना उनके राजनीतिक करियर का अंत बताता है। बीजेपी को दोष क्यों दिया जाना चाहिए? जब नैतिकता और सिद्धांत की राजनीति करने वालों ने ही नैतिकता के साथ ऐसी की तैसी किया है?” “जयप्रकाश नारायण के आंदोलन और तानाशाही विरोधी आंदोलन से शुरू हुई नीतीश कुमार का सियासी सफर मोदी-शाह की तानाशाही के सामने झुकते ही अपमान के साथ समाप्त हो गई है। इसलिए जनता को नीतीश कुमार के अब तक के राजनीतिक करियर को श्रद्धांजलि देनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।”

‘बीजेपी सबसे बड़ी खरीददार..’
उद्धव गुट ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए सामना संपादकीय में कहा, “बीजेपी मतलब बाजार का सबसे बड़े खरीदार। जब विक्रेता सामान बेचने के लिए तैयार है, तो खरीदार और ठेकेदार बोली लगाएंगे ही। महाराष्ट्र में यह डील पचास-पचास करोड़ में हुई थी। अब देश के लोगों को बिहार में कितने की डील हुई यह कीमत खुद समझनी चाहिए।”

‘प्रभू श्रीराम भी नहीं बचा पाएंगे…’
बीजेपी पर हमला बोलते हुए आगे कहा गया “नीतीश कुमार अंत तक बीजेपी और संघ परिवार से लड़ने के लिए दृढ़ थे। लेकिन नीतीश कुमार के उस संकल्प की धोती खुल गई और उन्होंने पलटी मार ली हैं। बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव हारने का डर है। उन्हें यकीन है कि भगवान श्रीराम और ‘ईवीएम’ भी उन्हें हार से नहीं बचा पाएंगे। मोदी-शाह का नारा है ‘अब की बार, चारसौ पार’। अगर उन्हें अपने काम और नेतृत्व क्षमता पर इतना भरोसा था, तो उन्हें तोड़फोड़ की राजनीति करने और ऐसा खेल खेलकर सत्ता का लालच दिखाने की कोई ज़रूरत नहीं थी।“

About The Author