एक्सीडेंट में नहीं खुले एयर बैग, Toyota को इनोवा कार और ₹36.83 लाख मुआवजा देने का CG हाईकोर्ट का आदेश
CG High Court: छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना के एक मामले ने वाहन सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इनोवा कार के हादसे में एयर बैग के न खुलने
कोरबा: सड़क दुर्घटना के दौरान इनोवा कार के किसी भी एयर बैग के न खुलने के मामले में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी को उपभोक्ता आयोग और हाई कोर्ट दोनों से राहत नहीं मिली। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के आदेश को बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
इलाज रायपुर और हैदराबाद में कराया गया, जिस पर लगभग 37 लाख रुपये खर्च हुए। हादसे के समय कार का एक भी एयर बैग नहीं खुला। इस पर अमित के भाई सुमित अग्रवाल ने इनोवा कार के निर्माता टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग, कोरबा में याचिका दायर की।
कंपनी के प्रतिनिधि आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, जिसके चलते जिला आयोग ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए नया वाहन या समतुल्य राशि के साथ इलाज में खर्च हुए लगभग 37 लाख रुपये देने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग, बिलासपुर में अपील की।
कंपनी की ओर से अधिवक्ता ओम कुकरेजा ने तर्क दिया कि इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 12 लाख रुपये मरम्मत के लिए डीलर को दिए गए, एयर बैग खुलने को लेकर कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट नहीं ली गई और सुमित अग्रवाल दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी नहीं थे। वहीं सुमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर ने पक्ष रखा।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने सर्वेयर रिपोर्ट, वाहन की क्षति और अमित अग्रवाल को आई चोटों के आधार पर माना कि गंभीर दुर्घटना के बावजूद एयर बैग का न खुलना वाहन में विनिर्माण दोष को दर्शाता है। आयोग ने कहा कि सुरक्षा के उद्देश्य से खरीदी गई महंगी कार में आवश्यकता के समय एयर बैग का न खुलना सेवा में कमी है।
राज्य आयोग ने कंपनी को 30 दिनों के भीतर सुमित अग्रवाल को नया इनोवा वाहन या उसका मूल्य 23.83 लाख रुपये देने के साथ शारीरिक व मानसिक कष्ट तथा वाद व्यय की राशि देने का आदेश दिया। इस आदेश को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा और अतिरिक्त रूप से एक लाख रुपये शारीरिक व मानसिक पीड़ा के लिए तथा 10 हजार रुपये वाद व्यय देने के निर्देश दिए।

