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चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा

Mahua Moitra :

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। महुआ मोइत्रा ने ECI के एक आदेश को चुनौती दी है।

नई दिल्ली: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महुआ मोइत्रा ने ECI के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें बिहार में मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी विशेष पुनरीक्षण की बात कही गई है।

याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश पर तत्काल रोक लगाए और ECI को निर्देश दे कि वो देश के बाकी राज्यों में भी ऐसा कोई आदेश ना जारी करे। महुआ मोइत्रा का आरोप है कि यह आदेश मनमाना, असंवैधानिक और गरीबों, महिलाओं और प्रवासी मतदाताओं को वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करने वाला है।

हालही में इसलिए चर्चा में थीं महुआ

हालही में महुआ मोइत्रा उस वक्त चर्चा में रही थीं, जब उन्होंने पूर्व बीजद सांसद और सीनियर वकील पिनाकी मिश्रा के साथ बर्लिन में शादी की थी।  इसके अलावा वह तब भी चर्चा में थीं, जब कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए बहुत कुछ ऐसा कह दिया जो विवादास्पद है। बनर्जी ने कहा कि महुआ मोइत्रा नई-नई शादी कर हनीमून पर गईं थीं और जल्द ही अपने हनीमून से लौटी हैं और आते ही उन्होंने मेरे ऊपर हमला बोल दिया है। उन्होंने महुआ पर “एक परिवार को तोड़ने” का भी आरोप लगाया।

कौन हैं महुआ मोइत्रा?

महुआ मोइत्रा एक भारतीय राजनेता और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख नेता हैं। वे पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और अपनी बेबाक शैली और केंद्र सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना के लिए जानी जाती हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा, शैक्षणिक पृष्ठभूमि और विवादों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रखा है।

महुआ मोइत्रा का जन्म 12 अक्टूबर 1974 को असम के कछार जिले के लाबाक में एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम द्विपेंद्र लाल मोइत्रा और माता का नाम मंजू मोइत्रा है। उन्होंने कोलकाता के गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में अमेरिका के मैसाचुसेट्स में माउंट होलोक कॉलेज से अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक किया।

राजनीति में प्रवेश से पहले, महुआ ने जेपी मॉर्गन चेज़ में निवेश बैंकर के रूप में न्यूयॉर्क और लंदन में काम किया, जहां वे उपाध्यक्ष (Vice President) के पद तक पहुंचीं। 2009 में, अपने कॉलेज के 10वें रीयूनियन के दौरान, उन्होंने बैंकिंग छोड़कर भारत में सार्वजनिक सेवा में आने का फैसला किया।

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