‘Sin Goods’ पर सरकार इसलिए लगाती है भारी टैक्स, इस कैटेगरी में आते हैं ये प्रोडक्ट्स!

सरकार ने Sin Goods पर 40% GST लगाया है. ये ऐसे उत्पाद हैं जो सेहत और समाज के लिए हानिकारक माने जाते हैं, जैसे तंबाकू से जुड़े आइटम. भारी टैक्स का उद्देश्य इन वस्तुओं के उपयोग को कम करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. इस कैटेगरी के प्रोडक्ट्स पर सख्त निगरानी भी रखी जाती है.
GST काउंसिल की 56वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनका असर सीधे हमारे रोजमर्रा के खर्चों पर पड़ेगा. अब 12% और 18% टैक्स स्लैब खत्म होकर सिर्फ 5% और 18% ही रहेंगे. मतलब कई जरूरी सामान सस्ते हो जाएंगे. लेकिन वहीं दूसरी तरफ, कुछ खास वस्तुओं पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी की गई है. इन्हें Sin Goods वस्तुएं माना गया है. इनपर अब 40% GST लगाया जाएगा. इस फैसले का मकसद इन वस्तुओं के उपयोग को कम करना और सरकार की आय बढ़ाकर स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के कामों में लगाना है.
Sin Goods क्या हैं?
Sin Goods शब्द का मतलब होता है ऐसी वस्तुएं जो लोगों की सेहत और समाज के लिए नुकसानदेह मानी जाती हैं. जैसे तम्बाकू उत्पाद, शराब, गुटखा, पान मसाला आदि. सरकार इन वस्तुओं पर टैक्स ज्यादा लगाती है ताकि इनके इस्तेमाल को कम किया जा सके. पिछले नियमों के तहत इनपर 28% GST के साथ एक अलग से सेस (Compensation Cess) लगता था, जो कुल टैक्स को करीब 40% तक पहुंचा देता था. अब नई व्यवस्था में सेस को हटाकर सीधे 40% का एक नया टैक्स स्लैब बनाया गया है, जिससे टैक्स दर सरल और स्पष्ट हो गई है.
40% GST टैक्स स्लैब में कौन-कौन सी चीजें आएंगी?
GST काउंसिल ने जिन वस्तुओं को Sin Goods की श्रेणी में रखा है, उन पर 40% टैक्स लगेगा. ये वस्तुएं मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटी गई हैं.
लग्जरी व्हीकल और ट्रांसपोर्ट-
- पेट्रोल इंजन वाली कारें जिनकी क्षमता 1200 cc से ज्यादा हो
- डीजल इंजन वाली कारें जिनकी क्षमता 1500 cc से ऊपर हो
- 350 cc से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलें
- पैसेंजर ट्रांसपोर्ट के लिए बनी हाई-इंड कारें जैसे स्टेशन वैगन और रेसिंग कारें
- प्राइवेट हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज
- याच और अन्य लग्जरी नावें
तम्बाकू और उससे जुड़ी चीजें-
- पान मसाला, गुटखा, बीड़ी, तम्बाकू उत्पाद
- बिना प्रोसेस किए तम्बाकू और तम्बाकू का चूरा (पत्तियों को छोड़कर)
- सिगार, सिगरेट होल्डर, स्मोकिंग पाइप
पेय पदार्थ-
- शक्कर या स्वीटनर मिलाए गए एरेटेड ड्रिंक्स
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ
- कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक्स या फ्रूट-बेस्ड ड्रिंक्स
- अन्य गैर-अल्कोहलिक पेय
टैक्स में बदलाव से क्या होगा आम आदमी पर असर?
पहले ये Sin Goods 28% GST के साथ अलग से सेस के कारण लगभग 40% तक टैक्स की दर पर आते थे. नया 40% GST स्लैब इस टैक्स को सीधा और आसान बना देगा. इसका मकसद इन उत्पादों की खपत कम करना और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी करना है. जिन वस्तुओं को लग्जरी या स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह माना जाता है, उनपर टैक्स बढ़ाकर सरकार का संदेश साफ है — इन्हें कम उपयोग करो. इससे स्वास्थ्य सुधार की दिशा में भी कदम बढ़ेंगे. 22 सितंबर से नए टैक्स रेट लागू होंगे, जिससे आम उपभोक्ता को रोजमर्रा के कई सामानों पर राहत मिलेगी, लेकिन Sin Goods जैसे आइटम थोड़े महंगे हो जाएंगे.