रायपुर नगर निगम में जनसंख्या के हिसाब से होगा नया परिसीमन, सभी वार्डों में होंगे 14 हजार मतदाता
Raipur News: राज्य सरकार निगम के 70 वार्डों में मतदाताओं की संख्या को सामान्यतः 14 हजार प्रति वार्ड करके परिसीमन करना चाहती है।
Raipur News रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव से पहले राज्य शासन द्वारा रायपुर में वार्ड परिसीमन की तैयारी को लेकर राजनीति गरमाने लगी है। राज्य शासन निगम के 70 वार्डो में मतदाताओं की संख्या सामान्य रूप से 14-14 हजार करते हुए परिसीमन करना चाह रहा है। ततसंदर्भ में प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
इस बीच निगम महापौर और एमआईसी के सदस्यों ने वार्डों की संख्या बढ़ाने व महानगरपालिका का दर्जा देने की मांग छेड़ दी है। उनकी दलील है कि मांग पूर्व महापौर किरणमयी नायक के कार्यकाल के समय की है। वार्डों की संख्या बढ़ने से केंद्र व राज्य से मिलने वाला अनुदान बढ़ जाएगा।
उधर निगम आयुक्त की पहल पर कल 26 जून को जिला प्रशासन से एसडीएम व एडीएम स्तर के अधिकारी, वार्ड परिसीमन प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी देने निगम मुख्यालय आयेंगे। इस हेतु भाजपा-कांग्रेस के 8-8 वरिष्ठ पार्षदों को आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रस्ताव में महापौर एमआईसी, भाजपा पार्षद दल ने सहमति जताई है।
सन 2019 में हुए निगम चुनाव पूर्व कांग्रेस के वार्डो का भौगोलिक परिसीमन कराया था। प्रत्येक वार्ड 7 से 10 हजार’ तक मतदाता रखना था। बावजूद (7) वार्डों में मतदाताओं की संख्या 15 से 17 हजार मतदाता हो गए थे। कुछ में 7 से 10 हजार। भाजपा ने तब विरोध जताया था। पर सुनवाई नही हुई थी। भाजपा का आरोप है कि भौगोलिक परिसीमन के चलते वामनराव लाखे वार्ड, सुंदर नगर वार्ड में 16 से 17 हजार मतदाता आ गए। जबकि मदर टेरेसा वार्ड में महज 6 से 7 हजार मतदाता थे।
बहरहाल, महापौर एवं एमआईसी द्वारा परिसीमन का विरोध करने पर भाजपा पार्षद दल लामबद्ध हो गया है। पार्षद दल प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा है कि 2019 में परिसीमन के बहाने कांग्रेस ने मनमानी की थी। कई वार्डों की सीमाएं घटाई-बढ़ाई गई थी। नाम तक बदल डाले थे। उस परिसीमन में मतदाताओं की संख्या की विसंगतियां थी। भाजपा के तभी (2019) अपना विरोध दर्ज कराया था। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। इसलिए इस बार मतदाता संख्या आधार पर परिसीमन पर जोर दिया जा रहा है। जिससे प्रत्येक वार्ड में बराबर मतदाता होने से सभी वालों को निगम से सामान्य एक सा लाभ मिल सके। प्रत्येक में विकास कार्य हेतु सामान राशि आवंटित हो सके।