EMI भरने वालों को बड़ी राहत, रिजर्व बैंक ने रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक संपन्न हुई। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
EMI में नहीं होगा कोई बदलाव
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के इस ऐलान के साथ ही लोन (Loan) भरने वाले लोगों ने बड़ी राहत मिली। रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि घर, गाड़ी समेत अन्य कर्ज पर मासिक किस्त (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा। मौद्रिक नीति समिति (MCP) की बैठक मंगलवार से शुरू हुई थी जो तीन दिनों तक चली।
रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार
गुरुवार को बैठक में लिए गये फैसलों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, एमपीसी (MCP) ने मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करते हुए आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया। उन्होंने आगे कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था उचित गति से बढ़ती रही है और अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। वैश्विक विकास में लगभग 15% का योगदान भारत दे रहा है।
मुद्रास्फीति के बढ़ने के अनुमान
शक्तिकांत दास ने बताया कि RBI ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर (JDP) के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है।
महंगाई पर काबू पाने की कोशिश
RBI ने जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। बता दें कि रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें बदलाव का सीधा असर बैंकों से लोन लेने वाले लो