Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में किसी को नहीं मिला पूर्ण बहुमत, आधे दर्जन से ज़्यादा दल हाशिए पर

Lok Sabha Elections 2024:

Lok Sabha Elections 2024: इस बार के आम चुनाव 2024 में देश की जनता ने किसी भी राजनैतिक दल को पूर्ण बहुमत नही दिया।

Lok Sabha Elections 2024 रायपुर। इस बार के आम चुनाव 2024 में देश की जनता ने किसी भी राजनैतिक दल को पूर्ण बहुमत नही दिया। लिहाजा गठबंधन वाली सरकार होगी तो वहीं विपक्ष भी गठबंधन में होगा। भाजपा सर्वाधिक 240 सीट पाकर गठबंधन सरकार चला संतोष में है, तो वही कांग्रेस पूर्व (52 सीट) की अपेक्षा अधिक 99 सीटें जीतकर आई है। समाजवादी पार्टी भी 3 से 37 पर पहुंच गई। पर करीब आधा दर्जन क्षेत्रीय दल हशिये पर नजर आ रहे हैं।

जो 6 क्षेत्रीय दल हशिएं पर दिख रहे हैं। उन्होंने गुजरे वक्त में राज्यों में मुख्यमंत्री दिए तो वही बड़ी संख्या में सांसदों को संसद में भेजा। ऐसे क्षेत्रीय दलों की पूछ- परख भी अपने समय में केंद्र में होते रही। पर वक्त ने पलटा खाया तो लोकसभा में इस बार यही क्षेत्रीय दल शून्य पर पहुंच गए हैं।

बसपा – उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े राज्य पर सत्ता में कई बार रही। दलितों की आवाज बनी मायावती कई बार मुख्यमंत्री रही। पर इस बार इस पार्टी का आम चुनाव में खाता ही नहीं खुल पाया। 2019 में पार्टी में 19.43 फीसदी वोट पाए थे, जो 10 प्रतिशत गिरकर 2024 में महज 9.39 फीसदी रह गए। 19 में इसे 10 सांसद दिए इस बार एक भी नहीं।

बीआरएस – तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) भी इस बार खाता नहीं खोल पाई। 2019 के चुनाव में 9 सीटें जीती थी। 41.71 फीसदी मत पाए ,थे इस बार महज 16.68 प्रतिशत। उधर

जननायक जनता पार्टी -इधर जेपीपी ने यानी जननायक जनता पार्टी ( जेजेपी ) ने हरियाणा में सभी 10 सीटें हार गई है। जबकि 2019 में उसे 4.9 फीसदी वोट मिला यह। इस बार 0.87 फीसदी।

एआईएडीएमके- तमिलनाडू में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषणम (AIADMK) की स्थापना कभी दिग्गज एमजी रामचंद्रन ने की थी। पार्टी ने जितने भी सीटों पर आम चुनाव लड़ा सभी पर हार गई। 2019 में पार्टी को एक सीट मिली थी और 18.72 फीसदी मत। इस बार 20.46 फीसदी वोट मिले पर सीट शून्य।

पीडीपी- आम चुनाव में जम्मू कश्मीर में जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी( PDP) का भी इस बार खाता नहीं खुल पाया है। दल के बारामुला व श्रीनगर प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती खुद अनंत नाग राजौरी से चुनाव हार गई हैं। पार्टी की मात्र 8,48 प्रतिशत मत मिले हैं। इधर ओडिशा में बीजू जनता दल( बीजेडी)अपनी स्थापना 1997 बाद पहली बार हार का सामना कर रही है। पहली बार (बीजेडी) को लोकसभा में एक भी सीट नहीं मिलीहै। विधानसभा चुनाव 2009 के बाद पहली बार पार्टी बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में नाकाम रही।

बीजेडी पार्टी – 24 वर्ष से अधिक समय तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें अब हटना पड़ रहा है। आम चुनाव 2019 में 43.32 फीसदी भी वोट बटोरे’थे, जो गिरकर 37.53 प्रतिशत रह गए हैं। पिछले दफा पार्टी ने 21 में से 12 सीट जीती थी। इस बार शून्य पर जा पहुंची है। विधानसभा में भी वोट कम हुआ। दोनों चुनाव में पार्टी को यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। इस साल एक भी एक भी सीट बीजेडी आम चुनाव में नही जीत पाई है।

(लेखक डा. विजय)

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