170 घंटे से सुरंग में फंसे मजदूरों का टूट रहा सब्र का बांध, बचाव दल 5 योजनाओं पर कर रहा काम

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है।
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से अंदर फंसे 41 मजदूर बीते 8 दिनों से मौत से लड़ रहे हैं। इन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाले के लिए हर संभव कोशिश की जा रही हैं। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। रेस्क्यू ऑपरेेशन युद्धस्तर पर जारी है। अब धीरे धीरे मजदूरों का सब्र का बांध टूट रहा है।
ह्यूम पाइप के जरिए सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से बातचीतत की जा रही है। सुरंग में फंसे हुए मजदूर अपनी दबी हुई आवाज से गुहार लगा रहे हैं। विशेषज्ञों की टीम ने अंदर फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए एक के बजाय पांच योजनाओं पर एक साथ काम कर रही है। इसके अलावा इंटरनेशनल एक्सपर्ट भी मजदूरों को बचाने के लिए पहुंच रहे है। सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने का अभियान अब 8वें दिन में प्रवेश कर गया है।
सुरंग में फंसे मजदूरों का टूटने लगा सब्र का बांध
उत्तर प्रदेश के अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा ने शनिवार को ह्यूम पाइप के जरिए सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से बातचीत की है। इंडिया टुडे के अनुसार फंसे हुए मजदूरों ने अपनी दबी आवाज में अधिकारी से अनुरोध किया कि उन्हें जल्दी बाहर निकाला लिया जाए। मजदूरों ने कहा कि उनको खाना और पानी मिल रहा है। लेकिन अंदर की स्थिति बहुत खराब रही है।
लाइफलाइन बनी पाइपलाइन
अरुण मिश्रा ने मजदूरों को आश्वासन दिया कि बचाव कार्यों के लिए सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। घिल्डियाल ने सुरंग में फंसे मजदूरों की लाइफलाइन बनी पाइपलाइन के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक पोषक फूड सप्लीमेंट, ओआरएस भिजवाईं। उन्होंने मजदूरों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि अंदर फंसे सभी लोगों को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा।
अब 5 मोर्चों पर रेस्क्यू ऑपरेशन
शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने घटनास्थल का मुआयना किया। बचाव अभियान की रणनीति को लेकर आयोजित एक विशेष बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद उन्होंने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेसक्यू ऑपरेेशन अब पांच मोर्चों पर चलेगा।
खुल्बे ने कहा कि फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दाएं व बाएं हिस्से में इस्केप टनल बनाया जाया जाएगा और सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी। करने और सुरंग के पोलगांव वाले हिस्से की तरफ से भी टनल बनाने का काम शुरू हो गया है।
कंपनी के मैकेनिकल प्रबंधक का घेराव- नारेबाजी
वहीं, दूसरी ओर आक्रोशित मजदूरों ने नवयुग कंपनी और एनएचआइडीसीएल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूरों ने नवयुग कंपनी के मैकेनिकल प्रबंधक राजराव का घेराव किया। उनका कहा कि सुरंग में फंसे हमारे मजदूर साथियों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। इसके साथ ही कंपनी के दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।