Wed. Jul 2nd, 2025

राज्यपाल ने TSRTC विधेयक को विधानसभा में पेश करने की नहीं दी मंजूरी, बिल को लेकर जारी है सस्पेंस

तेलंगानाराज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) विधेयक को लेकर अब भी जारी सस्पेंस जारी है। राज्यपाल की ओर से अब भी इस विधेयक को राज्य विधानसभा में पेश करने की मंजूरी नहीं दी गई है। रविवार को विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है इसलिए इस बात पर अनिश्चितता बनी हुई है कि विधेयक को पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी मिलेगी या नहीं यह कहा नहीं जा सकता ।

राज्य सरकार से दो दौर के स्पष्टीकरण मांगने और बाद में प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, राज्यपाल ने दोपहर में राजभवन में परिवहन विभाग और सड़क और भवन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।

TSRTC विधेयक को लेकर अब भी जारी सस्पेंस
तमिलिसाई रविवार को पुडुचेरी से हैदराबाद लौट आईं, जहां उनके पास उप राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार है। चूंकि, रविवार को विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है, इसलिए इस बात पर अनिश्चितता बनी हुई है कि विधेयक को पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी मिलेगी या नहीं।

राज्यपाल को भेजा गया मसौदा
राजभवन से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद परिवहन मंत्री पी. अजय कुमार ने विधेयक को पेश करने पर चर्चा के लिए रविवार को विधानसभा अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी के साथ बैठक की। टीएसआरटीसी के 43,000 से अधिक कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समाहित करने के उद्देश्य से तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (कर्मचारियों का सरकारी सेवा में अवशोषण) विधेयक, 2023 का मसौदा विधेयक बुधवार को राज्यपाल को भेजा गया था।

राज्यपाल की मंजूरी जरूरी
चूंकि, यह एक धन विधेयक है, इसलिए इसे विधानसभा में पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता है। सरकार द्वारा शुक्रवार को मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब सौंपने के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कुछ और स्पष्टीकरण मांगे। शनिवार रात जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राजभवन ने कहा कि राज्यपाल ने विधेयक पर और स्पष्टीकरण मांगा है।

कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण
राज्यपाल ने प्रस्तावित विधेयक के संबंध में कर्मचारियों से बातचीत और उनसे प्राप्त ज्ञापनों के आधार पर और स्पष्टीकरण मांगा। वह जानना चाहती थी कि क्या राज्य सरकार ने भारत सरकार की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी के संबंध में भारत सरकार की सहमति प्राप्त कर ली है, जैसा कि सरकार के जवाब में बताया गया है।

राज्यपाल ने गैर-स्थायी कर्मचारियों के संबंध में प्रस्तावित कानूनी व्यवस्था के बारे में भी विवरण मांगा। वह यह भी जानना चाहती थीं कि क्या निगम की चल और अचल संपत्ति निगम के पास ही रहेगी या क्या तेलंगाना सरकार इनमें से किसी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लेगी।

हड़ताल पर टीएसआरटीसी कर्मचारियों का एक वर्ग
शनिवार को टीएसआरटीसी कर्मचारियों का एक वर्ग राज्यपाल से विधेयक को मंजूरी देने की मांग को लेकर कुछ घंटों के लिए हड़ताल पर चला गया था। अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए सैकड़ों टीएसआरटीसी कर्मचारियों ने राजभवन तक मार्च भी किया था। राज्यपाल ने पुडुचेरी से एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टीएसआरटीसी कर्मचारी संघों के नेताओं से बातचीत की।

बाद में राज्यपाल ने एक बयान जारी कर कहा था कि विधेयक पेश करने की सहमति रोकने में कोई निजी या अन्य राजनीतिक हित शामिल नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनकी एकमात्र चिंता व्यापक सार्वजनिक हित में टीएसआरटीसी कर्मचारियों और संगठन के हितों की रक्षा करना है।

 

 

 

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