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सौम्य, सरल, गंभीर व्यक्तित्व के धनी (बाबा) सिंहदेव- कांग्रेस के सच्चे सिपाही

राष्ट्रीय कांग्रेस कोर कमेटी का वजन बढ़ा

रायपुर। विशिष्ट व्यक्तित्व के धनी टी.एस. सिंहदेव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1952 को प्रयागराज ( इलाहाबाद) में हुआ था। पिता मदनेश्वर शरण देव माता का नाम देवेंद्र कुमारी था। पिता मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव रहे साथ योजना आयोग के उपाध्यक्ष बने। जबकि माता दो बार मंत्री बनी थी। तब कहा जाता था कि सरगुजा के लिए मुख्यमंत्री राजघराना परिवार ही है। इस राजघराने का छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों से भी नाता है। टी. एस. सिंहदेव (बाबा) राजघराने के 118 वें राजा हैं।

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प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को राष्ट्रीय कांग्रेस कोर कमेटी में शामिल किया गया है। वे राज्य के पहले कांग्रेसी हैं जिन्हें इस अहम कमेटी में स्थान दिया गया है। कांग्रेस आलाकमान के इस निर्णय की सराहना हो रही है।

स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव को 2 माह पूर्व ही उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वे पार्टी के कदावर नेता के तौर पर जाने-जाते हैं। सौम्य, सरल, मिलनसार, गंभीर व्यक्तित्व के धनी सिंहदेव बाबा के नाम से भी मशहूर हैं। उनकी शालीनता, स्वच्छ चरित्र, विशिष्ट कार्यशैली, सिद्धांत की प्रशंसा, सम्मान दूसरे दलों के नेता भी करते हैं।

इस बार भी वे अंबिकापुर से चुनाव लड़ेंगे या तय है। उनका जीतना भी सुनिश्चित है। चुनाव में वे स्टार प्रचारक के तौर पर देखे-गिने जाते हैं। राजघराने से सीधा ताल्लुक रखने वाले बाबा के बारे में कहा जाता है कि अगर उन्हें किसी शासकीय व्यवस्था में धन की कमी नजर आती है, जरूरी योजनाओं में कुछ वित्तीय कमी झलकती है तो वे अपने स्वयं के जेब से यथासंभव पूर्ति करते हैं। जिसका प्रचार-प्रसार कतई पसंद नहीं करते। किसी विषय विशेष या मुददे पर वे अपने विचार स्पष्ट व्यक्त करते हैं। गोलमोल जवाब नहीं देते।

प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं में शुमारी रखने वाले टी. एस. सिंहदेव कई बार दूसरे राज्यों के चुनाव में वहां प्रभारी रहे हैं। अंबिकापुर, सरगुजा जिले (इलाके) में लोग अब भी उन्हें राजा साहब कहकर अपना जबरदस्त समर्थन जताते रहे हैं।

राष्ट्रीय कांग्रेस कोर कमेटी में चुने जाने वाले राज्य के पहले कांग्रेसी हैं। यही कमेटी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशी तय करेगी। कमेटी में चुना जाना बहुत मायने रखता है। देश में कई राज घरानों से उनकी रिश्तेदारी हैं।

हाल के कुछ वर्षों में उन्होंने कतिपय स्थितियों में 2 टूक कहा था- वे शुरू से कांग्रेसी हैं। और अंत तक बने रहेंगे। आजादी के पूर्व से ही उनका परिवार, खानदान कांग्रेसी रहा है। उनकी स्पष्टवादिता सिद्धांत उन्हें दीगर कांग्रेसियों से अलग करती है। कांग्रेसी राजनीति गलियारों में चर्चा है कि कोर कमेटी में बाबा को शामिल कर कांग्रेस कमेटी का वजन बढ़ गया है। राज्य के अंदर तमाम राजघरानों में वे अपनी पकड़ कायम रखे हुए हैं। पिछले बार कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने में बतौर अध्यक्ष उनकी बड़ी भूमिका थी।

आजादी के समय से ही राजघराना कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। आमतौर पर कांग्रेस में प्रत्येक राष्ट्रीय अधिवेशन में सरगुजा राज घराने से एक व्यक्ति, शामिल होते रहा है। स्पष्टवादी टी. एस. सिंहदेव ने अपनी ही सरकार के मोर्चे से खफा होकर कहा था कि रिपीट होना आसान नहीं होगा। 2018 में वे कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र के अध्यक्ष रहे। सीएम पद के दावेदार रहे। कहा जाता है कि उस वक्त 50 के करीब विधायक उनके पक्ष में थे। पर बघेल के सीएम बनने पर 4-5 को छोड़ शेष अब बघेल खेमे में चले गए हैं। जुलाई 22 में अपनी उपेक्षा से नाराज एवं विभागीय कार्यों में दखलंदाजी से खफा सिंहदेव ने पंचायत, ग्रामीण विकास मंत्रालय से त्यागपत्र दे दिया था। तब पार्टी में खलबली मच गई थी उनकी अनुशंसित फाइलें तक विभाग में डंप होने लगी थी। प्रोटोकॉल तक की अधिकारी दौरा के समय उपेक्षा करने लगे थे। यहां तक कहा जाने लगा था कि इससे अच्छी स्थिति तो भाजपा कार्यकाल में बतौर नेता प्रतिपक्ष की थी। अभी स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य शिक्षा देख रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर नहीं पर कई बार इशारे में कहा कि ढाई-ढाई वर्ष का फार्मूला सीएम पद हेतु कांग्रेस आलाकमान ने दिया था। जो कभी अस्तित्व में नहीं आया। एक बार उन्होंने प्रभारी कुमारी शैलजा को स्पष्ट बताया कि दिल्ली में भाजपा नेता उनसे मिले थे तथा भजपा में आने ऑफर दिया था। तब उन्होंने कहा था कि वे भाजपा में नहीं जायेगे। बहरहाल आगे की सोच डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस ने 2 माह पूर्व उन्हें छत्तीसगढ़ उपमुख्यमंत्री बना दिया। बाबा ने राजनैतिक जीवन की शुरुआत अंबिकापुर नगरपालिका अध्यक्ष के तौर पर 1983 में की थी. जिसके बाद सामान्य सीट अंबिकापुर विधानसभा से तीन बार लड़े। पहली बार 980 वोट से जीते। दूसरी बार 19 हजार 400 तथा तीसरी बार 2018 में 40हजार वोटों से जीते। बहरहाल अंदर की चर्चा है कि अगर कांग्रेस चुनाव में रिपीट होती है तो टी. एस. सिंहदेव अगले मुख्यमंत्री होंगे।
(लेखक डॉ. विजय)

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