रविवि पूरक परीक्षा 2023 : राजकीय विश्वविद्यालय कथित छात्र संगठनों से पूछे कब पूरक परीक्षा रखें

रविवि पूरक परीक्षा 2023 :
रविवि पूरक परीक्षा 2023 : पूरक परीक्षा 2023 ततसंबंधी फाइल राजभवन में अनुमोदन हेतु पड़ी है
रविवि पूरक परीक्षा 2023 : रायपुर। राजकीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की वार्षिक परीक्षा 2023 में 2 विषयों रविवि पूरक परीक्षा 2023 में फेल परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता दबाव में आकर दी गई। उधर राजभवन में ततसंबंधी फाइल अनुमोदन हेतु पड़ी है। लिहाजा कोई विवि. पूरक परीक्षा आयोजित नहीं कर पा रहा है। सब राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग की ओर मुख किए हुए हैं।
बीते शिक्षा सत्र 2022-23 प्रदेश के तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों की स्नातक- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के वार्षिक परीक्षा नतीजे खराब थे
बीते शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रदेश के तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों की स्नातक- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के वार्षिक परीक्षा नतीजे खराब थे। बमुश्किल 20-30 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हो पाए थे। जिसके पीछे विशेषज्ञों, शिक्षाविदों ने कोविड -19 के दौरान ऑनलाइन परीक्षा (घर-बैठे) को बताया था। जिसके बाद कथित छात्र संगठनों ने अपनी राजनीति, नेतागिरी चमकाने विश्वविद्यालयों पर एक की जगह दो विषयों में पूरक देने की दबाव बनाया। तब शिक्षाविदों विश्वविद्यालयों को मुफ्त सलाह दी थी कि वे ऐसा ना करें। पर कथित दबावों के चलते राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों ने दो विषय में पूरक देने का निर्णय ले लिए। तत संबंधित संशोधन अधिनियम में किए गए कार्य परिषदों ने भी समन्वय समिति की बैठकों में दो विषय में पूरक देने की सहमति दे दी। परंतु राजभवन के तत संबंधित फाइल अटक गई है। पूरक परीक्षा हेतु समय सारणी भी नहीं बन पा रही है। एक विषय में फेल वाले विद्यार्थी इंतजार कर रहे हैं। अब उन्हें पूरक में उत्तीर्ण होने पर महाविद्यालयों में प्रवेश अगली कक्षाओं में नहीं मिलेगा। वजह अंतिम तिथि निकल चुकी है। विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के पत्र लिखकर गाइड लाइन मांग रहे हैं।
एक विषय में पूरक आने वाले स्नातक- स्नातकोत्तर के परीक्षार्थी इस कथित उधेड़बुन में फंस गए
खैर ! इसे कहते हैं करें कोई भरे कोई। एक विषय में पूरक आने वाले स्नातक- स्नातकोत्तर के परीक्षार्थी इस कथित उधेड़बुन में फंस गए हैं। वे न इधर के रहे न उधर के। विवि चाहते हैं कि एक-दो यानी दोनों प्रकार के पूरक परीक्षार्थियों के लिए एक साथ पूरक परीक्षा हो। लिहाजा उच्च शिक्षा विभाग से गाइड लाइन मांग रहे हैं। क्या बेहतर नहीं होगा कि जिनके दबाव में आकर विश्वविद्यालयों समेत उनके कार्य परिषदों ने भी हाथ खड़ा कर दिया था। और दो विषयों में पूरक की पात्रता देने हामी भर दी थी।
छात्र संगठन अब पूरक परीक्षा आयोजन हेतु आगे क्यों नहीं आ रहे हैं
दो विषयों में पूरक देने हेतु दबवा बनाने वाले कथित छात्र संगठन अब पूरक परीक्षा आयोजन हेतु आगे क्यों नहीं आ रहे हैं। पूरक परीक्षा आयोजन की मांग को लेकर आखिर घूम फिर कर पूरा साल निकल जाएगा। तब पूरक परीक्षा होगी नतीजा भला क्या कयास लगाया जा रहा है कि पूरक परीक्षा होती भी है। और नतीजा पक्ष में आता है तो परीक्षार्थी नई (अगली) कक्षा में नियमित तौर पर प्रवेश नहीं ले पायेंगे। तमाम विश्वविद्यालयों को अब उच्च शिक्षा विभाग समेत उन छात्र संगठन नेताओं को बुलाकर पूछना चाहिए की पूरक परीक्षा कब आयोजित की जाए। ताकि एक विषय में पूरक पाने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय, महाविद्यालय जवाब दे सके। जो बेचारे रोज चक्कर काट रहे हैं।
(लेखक डॉ. विजय )