रविवि की वार्षिक परीक्षा 5 मार्च से शुरू, गाइड और नोट्स खरीदने के लिए बाजारों में परीक्षार्थी की भीड़

PRSU Exam 2024 :
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हो रही हैं। दो में सुबह 8:30 से मध्यान्ह 12:30 बजे से होगी
PRSU Exam 2024 : पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हो रही हैं। दो में सुबह 8:30 से मध्यान्ह 12:30 बजे से होगी। पहले परीक्षाए तीन पालियों में हुआ करती थी।
परीक्षा दो पालियों में आयोजित होगा –
परीक्षा दो पालियों में आयोजित करने का स्पष्ट जायज कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने नही बताया है। जबकि महाविद्यालय के प्राचार्यो, निजी महाविद्यालयों के संचालकों ने इस नए सिस्टम पर आपत्ति जताई थी। चूंकि उनके शिक्षण संस्थाओ में स्कूली परीक्षाएं भी होनी है तथा पीजी की पढ़ाई भी। पहली पाली में बीएससी, बीकॉम, बी.लिब बीबीई की तथा दूसरी पाली में बीए की परीक्षा ली जानी है। बहरहाल संबंधित परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थी परीक्षा प्रवेश पत्र प्राप्त करने पहुंचने लगे है।
पुस्तक विक्रेताओं के यहां परीक्षार्थियों की भीड़ उमड़ रही है –
इधर हाट-बाजार में पुस्तक विक्रेताओं के यहां परीक्षार्थियों की भीड़ उमड़ रही है। यहां बता देना उचित होगा कि रवि विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के तमाम विश्व विद्यालयों में दशकों से ज्यादातर परीक्षार्थी ( 80 से 85 प्रतिशत) परीक्षा के दौरान शार्टकट पढ़ाई के लिए गाइड, नोट्स खरीदते रहे हैं। माना जाता है कि इन्हीं में से ज्यादातर सवाल परीक्षा में पूछे जाते हैं। गाइड नोट्स प्रकाशित करने वाले प्रकाशक भी यही दावा दशकों से करते आ रहे हैं। उक्त स्थिति के चलते विश्वविद्यालयीन परीक्षा में शामिल होने वाले ज्यादातर परीक्षा में मुंह मांगे दाम पर गाइड नोट्स बाजार से खरीदते हैं। बताया जाता है कि इसका टर्नओवर करोड़ का है।
विद्यार्थी किसी तरह नोट्स की कुंजी से पढ़कर पास हो जाते हैं, जिससे शैक्षिक स्तर गिर रहा है।
राज्य के शिक्षाविदों सेवानिवृत्त शिक्षकों का कहना है कि शार्टकट नोट्स की कुंजी से पढ़कर विद्यार्थी जैसे -तैसे पास हो जाते हैं। पर इससे उनका शैक्षणिक स्तर गिरता जा रहा है। इस तरह से पढ़कर रहकर उर्त्तीण होने वालो की वजह से राज्य के अंदर इसलिए उच्च शिक्षा का स्तर गिर रहा है। भले ही दर्जनों विश्वविद्यालय या सैकड़ों महाविद्यालय खुल चुके हैं। जिन्हें बकायदा मान्यता दी गई है। अधिकतर विद्यार्थी औसत अंक लेकर पास होकर इति श्री कर लेना चाहते हैं। कम ही छात्र पुस्तक, संदर्भ ग्रंथ का उपयोग करते हैं। शार्टकटस वालों पढ़ाई से जी चुराने वाले के चलते नियमित ज्यादातर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों की साल भर में कक्षाओ में उपस्थिति 50 प्रतिशत तक नहीं होती। जबकि 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है।