छत्तीसगढ़ न्यूज : “शिगल्स” के मरीज छत्तीसगढ़ में- छूने से नहीं फैलता, बीमारी होने पर कील के समान चुभन शरीर पर चकते के निशान …!

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छत्तीसगढ़ न्यूज : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी शिगल्स नाम की बीमारी ने पैर पसार दिया हैं।

छत्तीसगढ़ न्यूज : दिल्ली, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में फैली “शिगल्स” नामक बीमारी  छत्तीसगढ़ न्यूज बिलासपुर छत्तीसगढ़ में भी पैर रख चुकी है। जांच कराने आ रहे मरीजों में हर तीसरा इसका शिकार हो रहा है। यह बीमारी दवाई के रिएक्शन या कमजोर इम्यूनिटी वालों को हो रही है।

चर्म रोग विशेषज्ञों के अनुसार यह “शिगल्स” बीमारी चर्म (स्किन ) से जुड़ी बीमारी है। जिसका अटैक कमजोर इम्यून सिस्टम वालों पर ज्यादा होता है। डाक्टरों के अनुसार यह किसी भी उम्र सीमा वाले व्यक्तियों को हो सकता है। 50 साल से ज्यादा उम्र के साथ एचआईवी, डायबिटीज, शुगर, दिल और किडनी की बीमारी जैसी समस्याओं से पीड़ितों में इसके पनपने का खतरा या आशंका ज्यादा रहती है। कारण कमजोर इम्यूनिटी शिगल्स उस वायरस से फैलता है। जिसकी वजह से चिकन पॉक्स होता है। दरअसल चिकन पॉक्स होने के बाद वायरस वेरिसेला जोस्टर शरीर से स्नायुओं में लेने समय तक निष्क्रिय पड़ा रहता है। जो 20 से 50 वर्ष तक इसी अवस्था (निष्क्रिय) में पड़ा रह सकता है। जब भी शरीर में इम्यूनिटी कमजोर होती है। ये वाइरस फिर खुद ही सक्रिय (एक्टिव) हो जाते हैं। जो बीमारी का कारण बनता हैं। इसके चलते चेहरे, से लेकर जांच तक किसी भी हिस्से में आगे -पीछे एक पट्टे के रूप में चकते हो जाते हैं। इससे तेज चुभन के साथ दर्द भी महसूस किया जाता है। इसके रोकथाम हेतु सिगरिक्स (जोस्टर वैक्सीन टीकाकिवनेट एडजुवेंटेड ) टीका लॉन्च हो चुका है। जिसका एक डोज 12 हजार रुपए में मिलता है। तीन डोज लगाने पड़ते हैं। इस समय दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल, दक्षिण भारत के राज्यों में टीके उपलब्ध है। पर छत्तीसगढ़ में उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से छत्तीसगढ़ बिलासपुर में जो मरीज सामने आए हैं। उनका इलाज दवाओं से हो रहा हैं। जिन्हें यह टीका लगवाना हो उन्हें बाहर से मंगवाना पड़ता है। ज्यादातर 50 वर्ष से अधिक आयु वालों को टीका की जरूरत जबकि कम उम्र वालों का इलाज अन्य दवाओं से किया जाता है।

चिकित्सकों के अनुसार मरीजों के सीधे संपर्क में आने वाले व्यक्ति को इसके होने का खतरा नहीं होता हैं। परंतु अगर उन्हें पहले कभी चिकन पॉक्स नहीं हुआ है तो चिकन पॉक्स होने का खतरा बना रहता है। महाराष्ट्र, दिल्ली, बंगाल आदि राज्यों में शासन स्तर पर टीके उपलब्ध है। पर छत्तीसगढ़ में ऐसी व्यवस्था फिलहाल नहीं है। हालांकि शासन स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।

( लेखक डॉ. विजय)

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