ध्रुव-NG हेलिकॉप्टर ने भरी पहली सफल उड़ान, जानें HAL के इस नए चॉपर ने कैसे बनाया इतिहास
HAL के नेक्स्ट जेनरेशन हेलिकॉप्टर ध्रुव NG ने बेंगलुरु में पहली सफल उड़ान भरी। यह स्वदेशी 5.5 टन श्रेणी का हेलिकॉप्टर नागरिक उड्डयन, एयर एम्बुलेंस, VIP परिवहन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए डिजाइन किया गया है।
बेंगलुरु: भारत के एयरोस्पेस हब बेंगलुरु के आसमान में मंगलवार को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी कि HAL के नेक्स्ट जेनरेशन हेलिकॉप्टर ‘ध्रुव-NG’ ने अपनी पहली सफल उड़ान पूरी की। यह उड़ान HAL को सिर्फ सैन्य हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी की छवि से बाहर निकालकर वैश्विक नागरिक उड्डयन बाजार में मजबूत खिलाड़ी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। इस मौके पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू भी मौजूद थे। उन्होंने ध्रुव-NG की पहली उड़ान को देश की स्वदेशी विमानन क्षमताओं और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
पिछले 2 दशकों से अपना कमाल दिखा रहा है ध्रुव हेलिकॉप्टर
बता दें कि पिछले 2 दशकों से ध्रुव हेलिकॉप्टर भारतीय सैन्य बलों के रोटरक्राफ्ट बेड़े की रीढ़ की हड्डी रहा है। इसने सियाचिन की बर्फीली ऊंची चोटियों से लेकर तटीय सीमाओं की नमी वाली मुश्किल चुनौतियों तक हर जगह सफलतापूर्वक काम किया है। लेकिन ध्रुव-NG इस परिवार की पूरी तरह नई कड़ी है, जिसे खास तौर पर नागरिक प्रमाणन की सख्त जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका मकसद देश में क्षेत्रीय हवाई संपर्क और आपातकालीन सेवाओं की बड़ी जरूरतों को पूरा करना है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बना यह हेलिकॉप्टर आने वाले समय में देश के दूर-दराज के इलाकों तक तेज, सुरक्षित और सस्ती हवाई सेवाएं पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है ध्रुव-NG
तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो ध्रुव-NG 5.5 टन श्रेणी का हेलिकॉप्टर है। इसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन 5,500 किलोग्राम है। इसे 2 स्वदेशी ‘शक्ति’ इंजनों (अर्डिडेन 1H1) से चलाया जाता है, जो करीब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की क्रूज स्पीड और लगभग 630 किलोमीटर की रेंज देते हैं। यह करीब 6,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें 6 से 14 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है, जिसे जरूरत के हिसाब से VIP कॉन्फिगरेशन, एयर एम्बुलेंस या सामान्य यात्री सेवा के लिए बदला जा सकता है। ध्रुव-NG में अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट और 4-एक्सिस ऑटो फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम लगा है, जिससे उड़ान ज्यादा सुरक्षित और आसान हो जाती है।
ध्रुव-NG की यह पहली उड़ान आखिर क्यों है इतनी खास?
HAL के अधिकारियों के मुताबिक, यह उड़ान सिर्फ तकनीकी परीक्षण नहीं है, बल्कि यह भरोसा भी दिलाती है कि एक पूरी तरह स्वदेशी हेलिकॉप्टर विश्व स्तर की एयर एम्बुलेंस, VIP परिवहन और प्राकृतिक आपदाओं में जीवन बचाने वाले कामों में सफल हो सकता है। ध्रुव-NG को विशेष रूप से ऑफशोर ऑयल ऑपरेशंस, सरकार की उड़ान-RCS (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) और विभिन्न नागरिक मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ध्रुव-NG की सफल पहली उड़ान से HAL ने साफ संकेत दे दिया है कि वह अब सिर्फ रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नागरिक हेलिकॉप्टर बाजार में भी विश्व की बड़ी कंपनियों से मुकाबला करने को तैयार है।

