Raipur Medical College: PG छात्रा ने छोड़ा मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन ने लगाया 25 लाख जुर्माना
Raipur Medical College: चिकित्सा महाविद्यालय का शुरू से नियम है कि किसी भी विषय में स्नातकोत्तर ( PG) कर रहा कोई भी विद्यार्थी अगर बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे पेनाल्टी देनी होती है।
Raipur Medical College: पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के पीडियाट्रिक विभाग में स्नातकोत्तर (PG) पहले वर्ष की एक छात्रा ने काम के भारी दबाव, 36 घंटे तक बिना ब्रेक ड्यूटी से आराम एवं नींद पूरी नही होने का हवाला देकर महाविद्यालय छोड़ दिया है। उसने ततसंबंध में प्रबंधन को विस्तृत पत्र लिखा है।
चिकित्सा महाविद्यालय का शुरू से नियम है कि किसी भी विषय में स्नातकोत्तर ( PG) कर रहा कोई भी विद्यार्थी अगर बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे पेनाल्टी देनी होती है। उपरोक्त मामला सामने आने पर महाविद्यालय प्रबंधन ने छात्रा को 25 लाख जुर्माना जमा करने का नोटिस थमा दिया है। दरअसल बीच में (सत्र) पढ़ाई छोड़ने पर महाविद्यालय को एक विद्यार्थी का नुकसान होता है। सामान्य महाविद्यालयों की तरह किसी दूसरे (वेटिंग) विद्यार्थी को चिकित्सा महाविद्यालय प्रवेश नही दे सकता। इसलिए जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।
महाविद्यालय प्रबंधन को त्यागपत्र दिया
बताया जा रहा है कि उपरोक्त चिकित्सा महाविद्यालय के पीडियाट्रिक विभाग में ऑल इंडिया कोटे से सुनंदा अग्रवाल का प्रवेश पहले वर्ष ( स्नातकोत्तर ) में हुआ था। शुरुआत में कुछ दिनों तक वह ठीक-ठाक काम करती रही पर जल्द ही काम की अधिकता की शिकायत सहपाठी विद्यार्थियों से करते हुए कोर्स छोड़ने की बात कहने लगी। तब साथी विद्यार्थियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका परंतु सुनंदा ने कोर्स कठिन होने, आराम न मिल पाने, लगातार 36 घंटे ड्यूटी करने से नींद पूरी न होने का हवाला देकर पक्ष रखा। तब उसे समझाया गया कि ऐसा हर विभाग में होता है, यह बात उसके शिक्षकों एवं साथी कर्मियों के पास पहुंची। एचओडी को खबर लगी सभी ने उसे समझाइए दी। तथा बताया कि PG में लगन व कड़ी परिश्रम की जरूरत होती है, यह चिकित्सा जगत एक सामान्य हिस्सा है। बाद में वह सामान्य (रूटीन) स्थिति में शामिल हो जाएगी। परंतु सुनंदा ने तय कर लिया था- आखिर उसने महाविद्यालय प्रबंधन को त्यागपत्र भेज दिया। उसने लंबा पत्र लिखते हुए तमाम वजहें बताई हैं। इस पर प्रबंधन ने नियमित सुनंदा अग्रवाल को नोटिस जारी कर 25 लाख जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है।
काउंसलिंग के समय बॉण्ड भरवाया जाता है।
फिलहाल सुनंदा ने पेनाल्टी जमा नही किया है, दरअसल मेडिकल PG कोर्स 3 वर्ष का होता है। बीच में पढ़ाई छोड़ने पर सामान्य वर्ग के विद्यार्थी को 25 लाख जबकि आरक्षित वर्ग को 20 लाख पेनाल्टी देनी पड़ती है इतना ही नहीं PG कोर्स पूरा करने के बाद पूर्व बॉण्ड अनुसार 2 वर्ष ग्रामीण या कस्बाई इलाके में सेवा देनी होती है। ऐसा नही करने पर सामान्य वर्ग को 30 लाख एवं आरक्षित वर्ग को 40 लाख रुपए जुर्माना देने का प्रावधान है। दोनों स्थितियों के बारे में चिकित्सा छात्रों को प्रवेश के समय जानकारी देकर बॉण्ड भरवाया जाता है। MBBS कोर्स बीच में छोड़ने या पूरा करने के बाद 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में सेवा नही देने पर जुर्माना का स्पष्ट प्रावधान है। दरअसल, कोई चिकित्सा पढ़ाई बीच में छोड़ता है, तो महाविद्यालय को बड़ा नुकसान होता है। एक भावी छात्र चिकित्सक के कोर्स पूरा नही करने का खमियाजा चिकित्सा महाविद्यालय, समाज को भुगतना पड़ता है, क्योंकि उसकी जगह किसी दूसरे को बीच सत्र में प्रवेश नही दे सकते।