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एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप 2023 : एक समीक्षा श्रीलंकाई बल्लेबाज मैथ्यूज के टाइम आउट पर, यह क्रिकेट है कोई मजाक नहीं …!

एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप 2023 :

एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप 2023 :

एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप 2023 : बांग्लादेश कप्तान शाकिब द्वारा श्रीलंकाई बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट कराने की गई अपील श्रीलंका को भारी पड़ा।

एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप 2023 : दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में सोमवार 6 नवंबर को खेले गए एन्जेलो मैथ्यूज विश्व कप  वनडे मैच में बांग्लादेश ने श्रीलंका को मात देकर एक और फतह हासिल भले ही कर ली हो- पर उसके कप्तान शाकिब द्वारा श्रीलंकाई बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट कराने की गई अपील जिसे अंपायर ने मंजूर किया- पर अब बहस छिड़ गई है। मैथ्यूज टाइम आउट होने वाले विश्व के पहले क्रिकेटर बन गए हैं।

आमतौर पर शुरू से ही क्रिकेट को खेल माना जाता रहा है। जिसमें खेल भावना को प्रमुखता दी जाती है। ऐसा वर्ल्ड क्रिकेट हिस्ट्री में सैकड़ो बार हो चुका है। कि क्षेत्ररक्षण कर रही टीम का कप्तान अनजाने या संदिग्ध लगने वाले मामले में बल्लेबाज के आउट की अपील नहीं करता या कि अंपायर द्वारा दिए गए संदिग्ध फैसले पर विरोधी कप्तान वापस बुला लेता है। या फिर अनजाने में गलती कर रहे बल्लेबाज को दिखावे के लिए रन आउट स्टंप, सेल्फ आउट होने पर भी बुला लेते रहे हैं।

अब फिर आते हैं दिल्ली अरुण जेटली स्टेडियम में, सोमवार देर शाम श्रीलंका का एक विकेट गिरा तो नया बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज खेलने आया। वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में नियम है कि पूर्व बल्लेबाज के आउट होने के 2 मिनट के अंदर दूसरे बल्लेबाज को आकर पहले गेंद खेल लेनी चाहिए। अन्य टूर्नामेंट में या सामान्य स्थिति में 3 मिनट मिलता है। खैर मैथ्यूज क्रीज में समय पर पहुंच जाते हैं। इस बीच हेलमेट पहनते -कसते उसकी पट्टी टूट जाती है। लिहाजा 2 मिनट से ऊपर वक्त गुजर जाता है। तब बांग्लादेश का एक खिलाड़ी अपने कप्तान शाकिब से मैथ्यूज का टाइम आउट कराने की अपील अंपायर से करने कहता है। लिहाजा शाकिब अपील करते हैं। बकौल शाकिब अंपायर ने पूछा था- क्या आप वाकई सीरियस है या आप फैसले को वापस लेंगे। शाकिब कहते हैं- मैंने अपांयर से कहा कि मैं फैसला वापस नहीं लूंगा। मैं नियमों के तहत ही खोला हूं। अंपायर ने इस पर मैथ्यूज को टाइम आउट करार दिया। मैथ्यूज ने इसे बांग्लादेश समेत शाकिब के लिए शर्मनाक करार दिया हैं। उन्होंने जोड़ा अचानक हेलमेट की सिट्रप (पट्टी) टूट गई। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता था।

सच देखा जाए तो शाकिब को थोड़ा रुककर विचार करना था कि अंपायर द्व्रारा पूछे जाने कि क्या वह (शाकिब) वाकई सीरियस हैं। कहे जाने के बाद पुनर्विचार करना था। इस मैच में हार या जीत से किसी टीम को बड़ा एडवांटेज या सेमी फाइनल प्रवेश नहीं मिल रहा था। खेल भावना एवं मानवीय पहलू कहता है कि शाकिब वाक्ये को टाल जाते। पर शाकिब कहते कि मैं युद्ध क्षेत्र में था, मेरे लिए टीम की जीत जरूरी थी। अब देखे पढ़े दिग्गज क्रिकेटर प्रकरण पर क्या राय या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।

श्रीलंकाई क्रिकेटर परवेज महरूफ कहते हैं कि मैथ्यूज अंपायर और शाकिब को बताकर हेलमेट बदलते तो कोई बात थी ही नहीं होती। खेल भावना पुरानी बात हो चुकी है। फैसला नियमों के तहत था। भारतीय क्रिकेटर संजय मंजरेकर कहते हैं कि टाइम आउट नियम हमेशा से था – पहले हमने केवल सुना था- लेकिन अब देख भी लिया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा मैथ्यूज के हेलमेट की पट्टी टूटी तब वह क्रीज पर थे। ऐसे में भला वे कैसे टाइम आउट हो सकते थे। जब बल्लेबाज क्रिज पर पहुंच चुका हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने दो या तीन मिनट लिए या उससे ज्यादा। बकौल क्रिकेटर हरभजन सिंह क्या मैथ्यूज को टूटे हुए हेलमेट के साथ खेलना चाहिए था ? या सिर्फ एक विवाद बनाया गया हैं। यह क्रिकेट है कोई मजाक नहीं। मेरा मानना है कि फैसला सही नहीं था।

(लेखक डॉ. विजय )

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