Rajasthan Election 2023: राजनीतिक अपील पर पाबंदी, 30 नवंबर तक एक्जिट पाेल पर भी रोक

Rajasthan Election 2023: प्रदेश में विधाानसभा चुनाव के लिए गुरूवार शाम छह बजे बाद चुनाव प्रचार का शोर थम गया और बाहरी राजनेता लौट गए। मतदान समाप्ति तक बाहरी राजनेताओं के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में रूकने, चुनावी सभा, जुलूस या चुनावी समारोह का आयोजन करने और उसमें भाग लेने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।
Rajasthan election 2023 प्रदेश में विधाानसभा चुनाव के लिए गुरूवार शाम छह बजे बाद चुनाव प्रचार का शोर थम गया और बाहरी राजनेता लौट गए। मतदान समाप्ति तक बाहरी राजनेताओं के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में रूकने, चुनावी सभा, जुलूस या चुनावी समारोह का आयोजन करने और उसमें भाग लेने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। टेलीविजन या डिजीटल माध्यम से मतदान समाप्ति तक चुनावी अपील या प्रचार तथा 30 नवम्बर को शाम 6.30 बजे तक एक्जिट पाेल प्रसारित करने पर पाबंदी रहेगी, वहीं दो दिन तक राजनीतिक दलों के प्रिंट मीडिया को जारी विज्ञापनों पर भी निर्वाचन अधिकारियों की निगाह रहेगी।
चुनाव प्रचार थमने से पहले भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवगढ़ (भीम) में सभा की, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जयपुर में प्रेसवार्ता और निम्बाहेडा, नाथद्वारा में रोड शो, केन्द्रीय मंत्री संजीव बलियान ने करौली, भतरपुर व डीग में सभा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हवामहल में रोड शो, शाहपुरा-मनोहरपुर व कोटपुतली में सभा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा,ने जयपुर में विद्याधर नगर, सिविल लाइन्स, सुजानगढ़ में सभा व अजमेर उत्तर में रोड शो तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जयपुर के झोटवाडा में रोड शो,राजाखेडा में सभा तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सांगानेर व आदर्श नगर में रोड शो कर भाजपा प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किया। उधर, कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में सभा और रोड शो, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अजमेर और झालावाड़ में चुनाव प्रचार, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जयपुर में प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री गहलोत ने सुबह जयपुर में भी प्र्रेसवार्ता की।
चुनाव आयोग ने बढ़ाई निगरानी
चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रलोभन देने के मामलों पर चुनाव आयोग की देखरेख में काम कर रही एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है। बाहरी राजनेताओं पर निगरानी के लिए सामुदायिक केन्द्रों, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं आदि में ठहरने वालों पर निगाह रखी जा रही है। अभ्यर्थी से भिन्न सरकारी सुरक्षा प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति उस क्षेत्र का मतदाता है तो वह मतदान के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं कर सकेगा।
प्रदेश में बनाए 3383 विशेष मतदान केन्द्र
महिलाओं, दिव्यांग और युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार अनोखी पहल की है। प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में 8 मतदान केन्द्रों पर केवल महिला, 8 मतदान केन्द्रों पर केवल युवा और एक मतदान केंद्र पर केवल कर्मचारियों को लगाया जाएगा। पूरे प्रदेश में इन विशेष मतदान केन्दों की संख्या 3383 है। इनमें 199 दिव्यांग मतदान केन्द्र और 1592-1592 महिला एवं युवा मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।
12 वैकल्पिक दस्तावेज दिखाकर कर सकेंगे मतदान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि मतदाता अपने साथ मतदाता फोटो पहचान पत्र ले जाएंं, इसके नहीं होने पर वे पहचान के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, एनपीआर के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी पहचान पत्र और दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड का उपयोग कर सकते हैं।