देश के अलग-अलग हिस्सों में धमाके करने वाले थे आतंकी, जानें कैसे फेल हो गया उनका प्लान
दिल्ली और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टरों की आड़ में आतंकी देशभर में धमाके की साजिश रच रहे थे। उमर, डॉ. मुजम्मिल और साथियों ने NPK उर्वरक से IED बनाने की योजना बनाई थी।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच में लाल किले के पास हुए विस्फोट की साजिश के पीछे डॉक्टरों की आड़ में चल रहा आतंक का बड़ा खेल सामने आया है। मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये कैश जुटाए थे, जो उमर को सौंपे गए थे। इन पैसों से गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से 20 क्विंटल से ज्यादा NPK उर्वरक यानी कि नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम खरीदा गया, जिसकी कीमत 3 लाख रुपये थी। इस उर्वरक से IED बनाने की योजना थी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर विवाद भी हुआ था।
बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग हुई थी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उमर ने सिग्नल ऐप पर 2-4 सदस्यों वाला एक ग्रुप बनाया था, जिसमें साजिश की बातें होती थीं। उमर के पास आई-20 कार थी, जो विस्फोटक से लैस की गई थी। इसके अलावा लाल रंग की इको स्पोर्ट और 2 अन्य कारें भी विस्फोटक से तैयार होने वाली थीं। हर जगह ब्लास्ट के लिए पुरानी सेकंड हैंड कारों का इंतजाम किया गया था। हरियाणा पुलिस सूत्रों ने बताया कि डॉक्टरों की आड़ में आतंक का खेल खेलने वाले इन आरोपियों की बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग थी। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, अयोध्या, प्रयागराज समेत कई जगहों को निशाना बनाया जाना था। 2-2 के ग्रुप में 8 आतंकियों को तैयार किया गया था। दिल्ली में आई-20 कार में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
तारीख तय होने से पहले ही हुई गिरफ्तारी
ब्लास्ट की तारीख तय नहीं हो पाई थी कि इससे पहले ही डॉक्टर मुजम्मिल समेत कई आतंकी डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो गई। अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस के जरिए इस यूनिवर्सिटी और डॉक्टरों की साजिश का खुलासा न होता, तो देश के अलग-अलग हिस्सों में एक साथ 4 से 5 ब्लास्ट करने की योजना थी। बता दें कि लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के DNA परीक्षण से पुष्टि हुई है कि डॉ. उमर नबी ही उस कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ था। पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि उमर की मां के DNA जांच के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि वास्तव में उमर ही विस्फोट में इस्तेमाल कार चला रहा था।

