Supreme Court Warns Patanjali: पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगायी फटकार, भ्रामक विज्ञापनों पर माँगा जवाब

Supreme Court Warns Patanjali: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पतंजलि आर्युवेद द्वारा विज्ञापन प्रकाशित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगायी।
सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी दवाओं और टीकाकरण के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगायी। मामले की सुनवाई जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने की जिसपर उन्होंने पतंजलि से कहा कि आखिर पतंजलि आयुर्वेद कैसे कह सकती है कि उसकी चीजें रसायन आधारित दवाओं से बेहतर है? ऐलोपैथी के खिलाफ विज्ञापनों पर पतंजलि आयुर्वेद पर सुप्रीम कोर्ट जमकर बरसा और पूछा कि आखिर कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने की हिम्मत कैसे हुई। कोर्ट में जज ने पतंजलि आर्युवेद से कहा कि आप कोर्ट को उकसा रहे हैं।
पिछले साल भी दी थी चेतावनी…
पिछले साल भी कोर्ट ने कंपनी को विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। नवंबर महीने में ही कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि अगर आदेश का पालन किया जाता है तो जांच के बाद कंपनी के प्रत्येक प्रोडक्ट पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए निगरानी के आदेश…
पहले के आदेशों का हवाला देते हुए बेंच ने कहा, “कोर्ट की तमाम चेतावनियों के बावजूद आप कह रहे हैं कि आपकी दवाएं केमिकल-युक्त दवाओं से बेहतर हैं?” कोर्ट ने आयुष मंत्रालय से सवाल भी पूछा कि आखिर कंपनी के खिलाफ विज्ञापनों को लेकर क्या कार्रवाई की गई। हालांकि, सरकार की तरफ से एएसजी ने कहा कि इस बारे में डेटा इकट्ठा किया जा रहा है. कोर्ट ने केंद्र सराकार के इस जवाब पर नाराजगी जताई और कंपनी केविज्ञापनों की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया।